रिपोर्ट :- विकास शर्मा


हरिद्वार :- हरिद्वार से गंगनहर आपूर्ति बंद कर दी जाएगी। जिससे शहर में भी गंगाजल की बंद होगी। नगर निगम के नलकूप से जलापूर्ति जारी रहेगी। सिचाई विभाग को शासन ने वार्षिक नहरबंदी की मंजूरी दे दी है। जिसके बाद सिचाई विभाग ने शेड्यूल जारी कर दिया है। प्रत्येक वर्ष दीपावली से पहले वार्षिक नहरबंदी कर रजवाहों व माइनरों की सिल्ट सफाई की जाती है। दीपावली से ठीक एक दिन पहले गंगनहर चालू कर दी जाएगी। चार नवंबर की मध्य रात्रि को हरिद्वार से जल छोड़ दिया जाएगा।

गंगनहर की देखरेख के अलावा नहरों, रजवाहों व माइनरों की सिल्ट सफाई के लिए प्रतिवर्ष गंगनहर की नहरबंदी की जाती है। पिछले साल भी 15 अक्टूबर को बंद कर एक माह बाद चालू की गई थी। सिचाई विभाग के अधिशासी अभियंता नीरज कुमार लांबा ने बताया कि गंगनहर से जुडे़ सभी रजवाहों व माइनरों में सालभर में सिल्ट बहकर आ जाती है। जिसे निकालने व रजवाहों और माइनरों की साफ-सफाई के लिए वार्षिक नहरबंदी की जाती है। मेरठ क्षेत्र में 180 किमी तक सफाई के लिए तैयारी की जा रही है।

शहरी क्षेत्र में करीब 10 लाख की आबादी गंगाजल आपूर्ति पर निर्भर है। हर दिन गंगा जल की शहर में 49 एमएलडी की आपूर्ति की जाती है। कई बार गंगा जल आपूर्ति प्लांट में गड़बड़ी या पाइल लाइन में दिक्कत होने से सप्लाई भी प्रभावित होती रहती है। शहर में गंगाजल आपूर्ति बाधित होने पर नगर निगम के नलकूप से पानी की वैकल्पिक व्यवस्था की जाएगी। जलकल विभाग के महाप्रबंधक कुमार गौरव के अनुसार गंगनहर बंद होने पर शहर की आबादी को पानी की किल्लत का सामना नहीं करना पड़ेगा।
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