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गाजियाबाद :- डेंगू के मरीजों की संख्या बढ़ने से सरकारी और गैर सरकारी अस्पतालों में एक दिन में 200 से अधिक ऑपरेशन टल गए। निजी अस्पतालों में डेंगू के मरीजों की भीड़ के चलते और बेड फुल होने के कारण डॉक्टर गैर-जरूरी ऑपरेशन के लिए 15 दिन बाद का समय दे रहे हैं। सीएमओ ने भी अपील की थी, जो ऑपरेशन टाले जा सकते हैं, उनमें कुछ दिन बाद का समय दिया जाए। आईएमए पदाधिकारियों का कहना है कि इमरजेंसी को छोड़कर बाकी ऑपरेशन बाद में किए जाएंगे।

गाजियाबाद में अब तक डेंगू के 925 से मरीज सामने आ चुके हैं। हर दिन 30 से 35 लोगों में डेंगू की पुष्टि की जा रही है। डेंगू के मरीज अधिक आने से अस्पतालों में बेड फुल हो गए हैं। ऐसे में सीएमओ डॉ. भवतोष शंखधर ने निजी चिकित्सकों को इलेक्टिव (गैर जरूरी) ऑपरेशन टालने की सलाह दी है। जिला एमएमजी अस्पताल में भी हर दिन 500 से अधिक मरीज बुखार के पहुंच रहे हैं, लेकिन अभी सरकारी अस्पतालों में भर्ती मरीजों की संख्या अधिक न होने से ऑपरेशन टालने की नौबत नहीं आई है। जिले में एक महीने में करीब 7 से 8 हजार ऑपरेशन अस्पतालों में होते हैं। 

हर निर्देश का पालन करेंगे चिकित्सक : आईएमए
आईएमए अध्यक्ष डॉ. आरके गर्ग ने बताया कि डेंगू की रोकथाम को लेकर स्वास्थ्य विभाग से मिले निर्देशों का चिकित्सक पालन कर रहे हैं। अधिकारियों ने इलेक्टिव ऑपरेशन टालने का सुझाव दिया है। जिन अस्पतालों में डेंगू के मरीज भर्ती हैं, उनमें एक दिन में करीब 200 ऑपरेशन टाले जाने का अनुमान है। जबकि अन्य ऑपरेशन अपने समय से किए जा रहे हैं।

इमरजेंसी सेवाएं चालू रखें
जो ऑपरेशन बाद में भी हो सकते हैं, उनको फिलहाल टालने का सुझाव दिया गया है। इमरजेंसी सुविधाएं सब शुरू हैं, जिन अस्पतालों में डेंगू के मरीज अधिक हैं, वहां इस पर अमल किया जा सकता है।
- डॉ. भवतोष शंखधर, सीएमओ

यह टले ऑपरेशन
हर्निया -15
हड्डी - 130
पेट संबंधित - 35
नाक, कान, गला - 20
इन क्षेत्रों में सबसे अधिक डेंगू के मरीज
मुरादनगर - 238
विजयनगर - 136
शास्त्रीनगर - 66
मकनपुर - 42
कोटगांव- 45
हरसांव - 71
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