रिपोर्ट :- नासिर खान


लखनऊ :- उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव को देखते हुए अखिलेश ने बाबा साहेब वाहिनी का गठन किया है। बहुजन समाजवादी पार्टी को छोड़ सपा में शामिल हुए मिठाईलाल को इसका राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया है। मिठाई लाल को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई है। राजनीतिक विशेषज्ञ ऐसा अनुमान लगा रहे हैं। मिठाई लाल भारती को जल्द वाहिनी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी का गठन कर संगठन तैयार करने की जिम्मेदारी दी गई।

अखिलेश ने बाबा साहेब वाहिनी का गठन कर दलित वोट को साधने के लिए यह नई रणनीति बनाई है। फिलहाल अब देखना होगा कि आने वाले विधानसभा चुनाव में इसका कितना फायदा मिलता है। उत्तर प्रदेश की सत्ता से बेदखल होने के बाद अखिलेश के विचार में बदलाव आया है। उन्होंने डॉक्टर राम मनोहर लोहिया के विचार के साथ  डॉ. भीमराव अम्बेडकर के विचारों को जोड़ा है। उन्होंने कहा असमानता व अन्याय को दूर करने और सामाजिक न्याय के समतामूलक लक्ष्य की प्राप्ति के लिए डॉक्टर अम्बेडकर के विचारों पर चला होगा।

बता दें कि अखिलेश यादव ने इलाहाबाद विवि से शोध कर रहीं छात्रा नेहा यादव को समाजवादी पार्टी छात्र सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पर पद पर नियुक्त किया है। वहीं संदीप सिंह स्वर्णकार को राष्ट्रीय महासचिव के पर नियुक्त किया। नेहा यादव पढ़ाई के दौरान ही राजनीति की सक्रिय रही। उन्होंने 2018 में समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता के रूप में कार्य शुरू किया। पार्टी ने उन पर भरोसा जताते हुए यह जिम्मेदारी दी है। नेहा यादव उस समय सुर्खियों में आई जब उन्होंने प्रयागराज में अमित शाह को काले झंडा दिखाया था। झंडे दिखाने आरोप में नेहा यादव को जेल जाना पड़ा था। फिर नेहा यादव ने पीछे मुडकर नहीं देखा। नेहा छात्रों की आवाज उठाती रहीं। बीएचयू में छेड़खानी के दौरान नेहा यादव धरने पर बैठ गई इस पर प्रशासन के हाथ पाव फूल गए। इस घटना में बवाल इतना बढ़ गया कि पुलिस को लाठी चार्ज किया। हाथरस में दलित युवती के साथ रेप मामले में उन्होंने पीड़ित परिजनों से के न्याय के लिए धरने पर बैठ गई। इस मामले में पुलिस ने उन पर कार्रवाई की। 
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