रिपोर्ट :- विकास शर्मा
हरिद्वार :- मंदिरों में नवरात्र अवसर पर श्रद्धालुओं के माता के दर्शन हेतु तांता लगा हुआ है। आज सुबह से ही हरिद्वार के प्रमुख माता के शक्तिपीठ मां चंडी देवी, मां मनसा देवी और माया देवी मंदिरों पर श्रद्धालुओं में दर्शन हेतु भारी उत्साह देखा जा रहा है। माता के इन मंदिरों को दुल्हन की तरह सजाया गया है।
नवरात्र के सभी दिन मां दुर्गा को समर्पित होते हैं। मान्यता है कि इन 9 दिनों में मां दुर्गा की पूरी भक्ति भाव से पूजा करने से वह अपने भक्तों से प्रसन्न होकर उन पर कृपा बरसाती है, लेकिन इस साल शारदीय नवरात्र 8 दिन ही आ रहे हैं। कारण, इस बार चतुर्थी और पंचमी तिथि एक साथ पड़ रही है। ऐसे में 7 अक्तूबर से शुरू हो रहे शारदीय नवरात्र 14 तक रहेंगे और 15 अक्तूबर को विजयदशमी यानी दशहरा मनाया जाएगा।
साधना की दृष्टि से शारदीय नवरात्रों को ज्यादा महत्वपूर्ण माना गया है। नवरात्र के प्रथम दिन आश्विन शुक्ल की प्रतिपदा को घट की स्थापना होती है। नवरात्र के दौरान प्रतिपदा तिथि, अष्टमी और नवमी तिथि का विशेष महत्व होता है। अष्टमी और नवमी तिथि पर कन्याओं का पूजन कर मां की विदाई की जाती है।
नवरात्र के पीछे का वैज्ञानिक आधार यह है कि पृथ्वी द्वारा सूर्य की परिक्रमा एक साल की 4 संधियां हैं, जिनमें से मार्च व सितंबर में पड़ने वाली गोल संधियों में साल के 2 मुख्य नवरात्र पड़ते हैं। इस समय रोगाणु आक्रमण की सर्वाधिक संभावना होती है। ऋतु संधियों में अक्सर शारीरिक बीमारियां बढ़ती हैं। इस समय स्वस्थ रहने के लिए और शरीर को शुद्ध रखने के लिए और तन-मन को निर्मल और पूर्णतया स्वस्थ रखने के लिए की जाने वाली प्रक्रिया का नाम नवरात्र है।