रिपोर्ट :- विकास शर्मा


हरिद्वार :- पतंजलि योगपीठ में अखिल भारतीय ब्राह्मण एकता परिषद के 2 दिवसीय ध्यान शिविर का उद्घाटन करते हुए आचार्य बालकिशन ने कहा है कि आज महिलाओं को वेदों और शास्त्रों के ज्ञान से वंचित किया जा रहा है। इसी वजह से समाज में धर्म की हानि हो रही है। उन्होंने कहा परिवारों में जो आचरण और कर्मकांड समाप्त हो रहे हैं। उसके लिए हम स्वयं दोषी हैं। आज पूरी दुनिया को धर्म की चिंता है। समस्त जगत का ध्यान हमारे शास्त्रों की ओर जाता है। ब्राह्मण शास्त्रों के ज्ञाता हैं। ब्राह्मणों के अस्तित्व को नकारा नहीं जा सकता। क्योंकि हमारे पूर्वजों ने इतनी मजबूत नींव रखी है कि आज हमें मात्र इसकी देखभाल ही करनी है। 

आज धर्म के बारे में कम जानकारी रखने वाले लोग ब्राह्मणों और ब्राह्मणवाद के अस्तित्व को नकार रहे हैं। इस स्थिति से निपटने के लिए एकजुट और संगठित होने की आवश्यकता है आज ज्योतिष और वास्तु शास्त्र एक बहुत बड़ा विज्ञान है। लेकिन कुछ स्वार्थी अज्ञानता के कारण यह शास्त्र को बदनाम किया जा रहा है। जिससे धर्म और शास्त्रों को नुकसान पहुंच रहा है। हम शास्त्रों से जीवित हैं। शास्त्र हमसे नहीं।                                                          

परिषद के उत्तर प्रदेश अध्यक्ष पंडित प्रमोद मिश्रा ने कहा कि अखिल भारतीय ब्राह्मण एकता परिषद की शुरुआत 10 साल पहले बनारस के मणिकर्णिका घाट पर हुई थी। जिसका उद्देश्य पूरे विश्व में ब्राह्मणों की रक्षा करना था। यह गैर राजनीतिक संगठन है। पतंजलि गुरुकुलम की तरह यहां भी बच्चों को संस्कृत वेद और संस्कारों की दीक्षा दी जाती है। यहां आपसी मतभेदों को दूर कर ब्राह्मणों को एकजुट कर एक मजबूत संगठन बनाने के उद्देश्य से इस पर कार्य किया जा रहा है। कार्यक्रम में परिषद के राष्ट्रीय संयोजक शिक्षा प्रकोष्ठ पंडित प्रवीण मिश्रा मुख्य न्यासी श्याम सुंदर शुक्ला प्रदेश अध्यक्ष उत्तराखंड मनोज गौतम आदि ने अपने विचार व्यक्त किए।
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