रिपोर्ट :- अजय रावत


गाजियाबाद :- हिंदी भवन में सोमवार को राष्ट्रीय सैनिक संस्था, परमार्थ समिति, शहीद स्मृति फाउंडेशन, अखिल भारतीय त्यागी ब्राह्मण सभा एवं विश्व ब्राह्मण संघ ने संयुक्त रूप से राष्ट्रिय जागरण दिवस का आयोजन किया। उदेश्य था देश की वर्तमान चुनौतियों पर चर्चा और उनके समाधान के विकल्प।

राज्य सभा के सांसद अनिल अग्रवाल ने दीप जलाकर कार्यक्रम का प्रारम्भ किया। उन्होंने कहा की यदि आम जनता राष्ट्र के प्रति समर्पित हो जाये तो आशचर्य जनक उन्नति और क्षमता स्वयम ही प्रारम्भ हो जाते है। जर्मनी और जापान इसके ज्वलंत उदाहारण है।

उत्कृष्ट पत्रकार एवं पब्लिक स्पीकर पुष्पेन्द् कुलश्रेष्ठ ने अचंभित करने वाले तथ्यों से अवगत कराया। उन्होंने बताया की न केवल इतिहास बल्कि संविधान को भी तोड़ मरोड़कर  जनता को बताया गया है। प्रारम्भिक संविधान में राम चन्द्र से प्रारम्भ होकर करीब 30 चित्र थे जो हटा दिए गये। मुंगलो को महामंडित किया गया और हिन्दू राजाओं को हाशिये के बाहर रखा गया।

रूट इन काश्मीर के संस्थापक सुशील पंडित ने बताया की भारत की चीन , फिलस्तीन और इजराइल की निति देश हित के विरुद्ध रही है। इजराइल ने हमे कारगिल युद्ध में विशेष हथियार अमेरिका के विरोध के बावजूद दिए थे और प्रशसनीय सहयोग किया था। लेकिन हम इजराइल के खिलाफ उस फिलिस्तीन का समर्थन करते रहे जो कश्मीर पर भारत के विरुद्ध बोलता है।

रा के पूर्व अफसर कर्नल आर एस ऍन सिंह ने बताया की सरजिल इमाम की उत्तर पूर्व को भारत से काटने की धमकी यूँ ही नहीं थी बल्कि उसके पीछे एक बड़ी साजिश थी जिसे सिलिगुरी कोरिडोर या चिकन नेक के नाम से जाना जाता है। डोकलाम की तनातनी इसी के लिए हुई  थी।

आध्यात्मिक गुरु और दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रोफ़ेसर ( डा ) पवन सिन्हा ने बताया की आवश्यकता व्यक्तिगत चरित्र और राष्ट्रिय चरित्र में फर्क जानने की है। उन्होंने कहा की पूर्व में बंगाल , उत्तर में कश्मीर और दक्षिण में केरल में जो हो रहा है उसके साथ हम व्यक्तिगत चरित्र जैसे करुणा, दया , क्षमा , अतिथि सत्कार , सहनशीलता के साथ मुकाबला नहीं कर सकते। हमे राष्ट्रिय चरित्र को जाग्रत करने की आवश्यकता है  जिसमे हर वो काम किया जायेगा जो राष्ट्र के हित में हो।
विख्यात पत्रकार और शायर राज कौशिक ने कहा की देश के सामने चुनोतियाँ तो बढती ही जा रहीं है लेकिन हमे आशा ही नहीं पूरा विश्वास भी है की हमारी सेना और सरकार हर चुनोती से निपटने में सक्षम है। देश की आन्तरिक सुरक्षा के लिए आम आदमी को भी गंभीर होना पड़ेगा और संविधान की धारा 51 ए में बताये गये कर्तव्यो का अक्षरस पालन करना होगा।

भारत के कोर्पोरेट मंत्रायल के अंतर्गत आने वाले बोम्बे स्टोक एक्सचेंज के अधिकारी रहे नवनीत प्रियदास ने बताया की हमे प्रारम्भिक शिक्षा में , जब विधार्थी कच्ची मिटटी की तरह होता है , उस समय उसे अनुशासन  , कर्तव्यनिष्ठा , इमानदारी और देशभक्ति की शिक्षा देनी होगी जो हमने गुरुकुल के माध्यम से प्रारम्भ भी कर दी है।

परमार्थ समिति के संस्थापक नेकी की दीवार के संचालक अग्रसेन रसोई के प्रणेता और एक अत्यंत उत्कृष्ट समाज सेवी वीके अग्रवाल , विश्व ब्रहामण संघ के प्रवक्ता और किसी भी व्यक्ति की मदद करने वाले हनुमान डाक्टर बीके शर्मा , सांसद के प्रतिनिधि और आज के कार्यक्रम के सूत्रधार देवेन्द्र हितकारी , अखिल भारतीय त्यागी ब्राह्मण सभा के अध्यक्ष राकेश त्यागी ने सभी अतिथियों का स्वागत किया और एक ऐतिहासिक कार्यक्रम का आयोजन किया जो 1857 की तरह गाज़ियाबाद से मशाल जलाने में प्रथम कदम साबित होगा।

मंच का संचालक कर रहे राष्ट्रिय सैनिक संस्था के राष्ट्रिय अध्यक्ष  कर्नल तेजेंद्र पाल त्यागी ने बताया की हर साल करीब 35 वर्ष की उम्र में 70 हजार सिपाही सेवा निवृत होते है। यदि उन्हें प्रोत्साहन देकर सरहदी इलाको में बसा दिया जाए तो मजाल है कोई ड्रग समगलर या आतंकी हमारी सीमा में घुसपेठ कर पाए। उन्होंने कहा की भारत ही एक ऐसा देश है जहाँ के नागरिक किसी भी बिंदु पर एक नहीं है | हमारा सुझाव है की गुड मोर्निंग , सत श्री अकाल  , नमस्ते , और आदाब अर्ज को कुछ समय के लिये आदर के साथ अवकाश देकर यदि सार्वजनिक स्थानों पर आपसी अभिवादन में “ जय हिन्द “ बोला जाए और “ जय हिन्द “ ही बुलवाया जाये  तो राष्ट्रिय एकीकरण और चरित्र निर्माण स्वत ही विकसित हो जायेगे।

इस अवसर पर शहीद स्मृति फाउन्डेसन के राजीव मोहन , चितकारा , लेंड क्राफ्ट के संस्थापक ललित जयसवाल , हिंदी भवन के सुभाष , प्रशासन के विभिन्न विभागों के अनन्य अधिकारी उपस्थित थे।
Previous Post Next Post