रिपोर्ट :- नासिर खान
लखनऊ :- कोरोना के बढ़ते कहर को देखते हुए चुनाव आयोग ने बड़ा फैसला लिया है। निर्वाचन आयोग ने प्रचार प्रसार के नई गाइडलाइन जारी कर दिया है। 22 जनवरी तक रैलियों पर रोक लगा दी है। आयोग ने राजनीतिक दलों को डोर टू डोर प्रचार करने की सलाह दी है। वहीं जनीतिक दलों को किसी भी हाल में 50 प्रतिशत लोगों के साथ मीटिंग करने की सलाह दी है।
बता दें कि चुनाव आयोग ने 8 जनवरी को उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा, पंजाब और मणिपुर में विधानसभा चुनावों के कार्यक्रम की घोषणा करते हुए महामारी के मद्देनजर 15 जनवरी तक सार्वजनिक रैलियों, रोड शो और नुक्कड़ सभाओं पर प्रतिबंध लगाने संबंधी कदम उठाया था। आयोग ने सभी राजनीतिक दलों से अपील की थी कि उसने सार्वजनिक सड़कों और चौराहों पर नुक्कड़ सभा न करने की सलाह दी थी। हालांकि सीमित संख्या में लोगों के घर-घर जाकर प्रचार करने की अनुमति दी थी ।
वहीं आयोग ने इसे अब बढ़ाकर 22 जनवरी तक कर दिया है। आयोग ने राजनीतिक दलों से आग्रह किया था कि वे डिजिटल माध्यम से प्रचार करें। उन्होंने यह भी कहा था कि सरकारी प्रसारक दूरदर्शन के माध्यम से चुनाव प्रचार के लिए राजनीतिक दलों को मिलने वाले समय को दोगुना किया जाएगा। 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव 10 फरवरी से शुरू होकर 7 मार्च तक चलेंगे और मतगणना 10 मार्च को होगी। फिलहाल चुनाव नतीजों के बाद विजय जुलूस निकालने पर भी रोक लगाई है।