रिपोर्ट :- विकास शर्मा

हरिद्वार :- उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री रहे हरक सिंह रावत को बर्खास्त कर दिये जाने के बाद बर्खास्तगी पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का पहला बयान आया है। सीएम धामी ने कहा कि हरक सिंह रावत टिकटों को लेकर पार्टी पर दबाव बना रहे थे। हरक सिंह अपने परिवार के सदस्यों को टिकट दिलाना चाह रहे थे।                                                           
हरक सिंह रावत अपनी बहू अनुकृति गुसाईं रावत के लिए लैंसडाउन से टिकट मांग रहे थे। चर्चा है कि वो यमकेश्वर और केदारनाथ सीट से भी टिकट की मांग कर रहे थे। उनकी ये मांगें बीजेपी को बिल्कुल मंजूर नहीं थी। भारतीय जनता पार्टी एक परिवार-एक टिकट के फॉर्मूले पर ही अडिग थी। बताया जा रहा है कि इसी की वजह से हरक सिंह रावत टिकट वितरण के लिए चल रही मीटिंग में भी शामिल नहीं हुए थे। उनकी इसी हरकत से पार्टी हाईकमान नाराज हुआ। इसके साथ ही हरक सिंह रावत को सरकार से बर्खास्त और पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया गया।                                                                          
उधर हरक सिंह रावत का कहना है कि केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने मुझे दिल्ली में मिलने के लिए बुलाया। ट्रैफिक के चलते थोड़ी देर हो गई। मैं उनसे और गृह मंत्री अमित शाह से मिलना चाहता था, लेकिन जैसे ही मैं दिल्ली पहुंचा, मैंने सोशल मीडिया पर देखा कि भाजपा ने मुझे निष्कासित कर दिया। हरक सिंह रावत ने कहा कि इतना बड़ा फैसला लेने से पहले भाजपा ने मुझसे एक बार भी बात नहीं की। अगर मैं कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल नहीं होता तो 4 साल पहले बीजेपी से इस्तीफा दे देता। मुझे मंत्री बनने में ज्यादा दिलचस्पी नहीं है। मैं सिर्फ काम करना चाहता हूं। इसके बाद हरक सिंह रावत ने कहा कि कांग्रेस पार्टी उत्तराखंड में सरकार बनाएगी। मैं कांग्रेस पार्टी के लिए काम करूंगा। भाजपा ने मनगंढ़त खबरों के आधार पर कार्रवाई की है।
Previous Post Next Post