रिपोर्ट :- विकास शर्मा
उत्तराखंड :- हरिद्वार नगरी में होली अवसर पर बाजारों में चहल पहल आरंभ हो चुकी है। हरिद्वार के बाजार मिठाइयों और अबीर गुलाल रंग व पिचकारी आदि सामग्रियों से बाजार सजने लगे हैं। रंगों से बाजार सज चुके हैं, मिठाई की दुकानों पर भी यही हाल है। पिछले कुछ सालों में रेडीमेड गुझिया का चलन काफी बढ़ा है। ऐसे में त्योहार पर मेहमानों के स्वागत की परंपरा बदल गई है। यही कारण है कि न केवल रेडीमेड गुझिया, बल्कि मठरी, बेसन के सेव व अन्य खाद्य पदार्थों की जमकर बाजारों में बिक्री होने लगी है।
होली में रंगों की मस्ती में डूबे लोग मिठाइयों का भी जमकर लुत्फ उठाते हैं। यही वजह है कि मिठाइयों की दुकानों पर भी होली की तैयारी शुरू हो गई है। सभी दुकानें तमाम तरह की पारंपरिक मिठाइयों से सज गई हैं। मिठाई में गुझिया से लेकर लौंगलता तो नमकीन में मठरी से लेकर भुजिया सेव दुकानों पर ग्राहकों के मन को ललचा रही है।
हरिद्वार पुराना रानीपुर मोड़ स्थित बीकानेर प्रतिष्ठान के स्वामी तेजसिंह पुरोहित के अनुसार होली अवसर पर हमारे यहां पारंपारिक मिठाइयां तैयार कराई जा रही है। इनकी गिफ्ट पैकिंग बनाई जा रही है। बीकानेर प्रतिष्ठान की मिठाइयां शुद्धता और गुणवत्ता के लिए देश भर में प्रसिद्ध हैं। लोगों के प्रति इसी विश्वास को कायम रखते हुए होली पर विशेष रूप से बीकानेरी पापड़, कचरी, नमकीन व्यंजन तथा विशेष नमकीन तैयार कराए जा रहे हैं। इसके अलावा लौंगलता, चंद्रकला, केसर वाले पेड़े व मट्ठी भी लोग पसंद कर रहे हैं। होली पर तरह-तरह की नमकीन का भी अपना अलग मजा है। कई दिनों से घरों में कचरी-पापड़ के साथ होली के व्यंजन बनाने में घर की महिलाएं व्यस्त हो रही है।