सिटी न्यूज़ | हिंदी.....✍🏻

गाजियाबाद :- लोन माफिया लक्ष्य तंवर के कारनामों की लिस्ट में एक और ठगी का मामला जुड़ गया है। तीन करोड़ का लोन दिलाने के लिए नंदग्राम निवासी हनी की सास सुनीता से हस्ताक्षर किए चेक लेकर बैंक अधिकारियों की सांठगांठ से खाते से कई बार में ढाई करोड़ रुपये ट्रांसफर कर लिए। जानकारी होने पर बैंक को रकम वापस करने के लिए कहने पर जान से मारने की धमकी दी गई। कोतवाली रिपोर्ट दर्ज करा कार्रवाई की मांग की गई है।

हनी सिंह के ससुर इंद्रजीत का आकाश नगर में 680 वर्ग गज का प्लॉट है जिस पर उन्हें निर्माण कार्य करना था, इसके लिए उन्हें लोन की जरूरत थी। उनका कविनगर निवासी लक्ष्य तंवर के साथ उठना बैठना था। ऐसे में लोन के बारे में बात करने पर लक्ष्य तंवर ने बैंक अधिकारियों से जान-पहचान होने की बात कहकर उन्हें लोन दिलाने का झांसा दिया। चंद्रनगर स्थित पीएनबी की शाखा से तीन करोड़ का लोन दिलाने के लिए लक्ष्य तंवर ने बैंक अधिकारियों के माध्यम से सुनीता एहलावत ट्रेडर्स के खाते के कई चेक पर हस्ताक्षर करा उन्हें अपने पास रख लिया। 

आठ जून 2016 को चेक के माध्यम से उनके खाता से एक करोड़ 20 लाख रुपये श्याम एसोसिएट के खाते में ट्रांसफर करा लिए। बैंक अधिकारियों से सांठगांठ के चलते पैसे निकालने का कोई मेसेज भी नहीं मिला। इस बीच 23 जुलाई 2018 से 31 दिसंबर 2018 के बीच करीब एक करोड़ 30 लाख रुपये विभिन्न खातों में हस्तांतरित करा लिए। जानकारी होने पर जब बैंक के पैसे वापस करने के लिए कहा गया तो आरोपी ने जान से मारने की धमकी देते हुए पैसों को भूल जाने की बात कही। गाजियाबाद कोतवाली प्रभारी अमित कुमार खारी का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है।

लोन दिलाने के नाम पर पिता-पुत्र ने की दो करोड़ 80 लाख की ठगी लोन दिलवाकर चेक के माध्यम से पैसे निकालने का एक और मामला कोतवाली में दर्ज हुआ है। बैंक कर्मी पिता-पुत्र ने मिलकर यशदेव जैन के खाते से दो करोड़ 80 लाख रुपये हड़प लिए। दोनों ने कबाड़े का काम कर मोटा मुनाफा कमाने का झांसा देकर लोन के लिए राजी किया था।

कविनगर निवासी यशदेव जैन मुकुंदनगर स्थित रोलिंग मिल में कार्यरत हैं। उनका नवयुग मार्केट की स्टेट बैंक की शाखा में खाता है। बैंक आने-जाने के दौरान उनकी कविनगर निवासी अरुण कुमार और उसके पिता रामकिशोर वर्मा से पहचान हो गई। नवंबर 2015 में दोनों ने उन्हें स्टील के काम की अच्छी जानकारी होने की बात कहते हुए कबाड़े का काम करने प्रस्ताव दिया। काम के लिए पैसों के इंतजाम के लिए उन्होंने सेंट्रल बैंक से लोन दिलाने का आश्वासन दिया। बैंक अधिकारियों से साठगांठ कर लोन मिलने से पहले यशदेव जैन की हस्ताक्षर की हुई चेक बुक को अपने पास रख लिया। बैंक से संबधित कागजात लक्ष्य तंवर के घर पर ही तैयार किए गए। 

लोन मिलने पर दोनों ने चेक के माध्यम से दो करोड़ 80 लाख रुपये अपने जानने वालों के खातों में ट्रांसफर कर लिए। इस संबंध में जानकारी होने पर यशदेव जैन ने पैसे लौटाने को कहा, जिस पर दोनों ने उन्हें दो करोड़ 80 लाख का चेक दिया। 29 जुलाई 2019 को चेक बाउंस हो गए। इसके बाद भी दो साल तक आरोपी टालमटोल करते रहे, जिससे तंग आकर कोतवाली में मामला दर्ज कराया गया।
Previous Post Next Post