◼️इंडिया बुक ऑफ रिकार्डस व इंटरनेशनल बुक ऑफ रिकार्डस में दर्ज हुआ नाम

◼️उपलब्धि प्राप्त करने के लिए परिजनों को बताए बिना ली थी ऑनलाइन क्लॉस



सिटी न्यूज़ | हिंदी.....✍🏻

गाजियाबाद :- 10 वर्ष की धेवती की सफलता ने 63 वर्षीय गीता गर्ग के मन में भी कुछ कर दिखाने का जज्बा भर दिया। उन्होंने दिन-रात मेहनत की और एक मिनट में 40 मंदिरों के नाम बोलकर रिकार्ड बना डाला। उनका नाम इंडिया बुक ऑफ रिकार्डस ही नहीं इंटरनेशनल बुक ऑफ रिकार्डस में भी दर्ज हो गया। गीता गर्ग ने इस उपलब्धि को प्राप्त करने के लिए परिजनों से ऑनलाइन क्लॉस भी ली थी और इसकी भनक उन्होंने परिजनों को भी नहीं लगने दी। 

गीता गर्ग बताती हैं कि वे कुछ कर दिखाना चाहती थीं, मगर ना तो मायके और ना ससुराल में ही उन्हें ऐसा कोई मौका मिल पाया। जनवरी माह में उनकी धेवती 10 वर्ष की स्वरा अग्रवाल ने इंडिया बुक ऑफ रिकार्डस व इंटरनेशनल बुक ऑफ रिकार्डस में नाम दर्ज कराया तो उन्होंने सोचा कि जब 10 वर्ष की उनकी धेवती ऐसी उपलब्धि हासिल कर सकती है तो वे क्यों नहीं कर सकती। इसके बाद उन्होंने मेमोरी बूस्टर की टीचर दीपा गोयल से ऑनलाइन क्लॉस लेनी शुरू कर दी। 

परिजनों को उन्होंने बताया कि वे योग क्लॉस ले रही हैं। ऐसा उन्होंने इसलिए किया कि असफलता मिलने पर उनका मजाक ना बन जाए। क्लॉस पूरी होने के बाद उन्होंने एक मिनट में 40 मंदिरों के नाम बोले और इसका रिकार्ड अपने नाम दर्ज कराने के लिए इंडिया बुक ऑफ रिकार्डस व इंटरनेशनल बुक ऑफ रिकार्डस को आवेदन किया। उनका आवेदन स्वीकार हो गया और उनका नाम इंडियन बुक ऑफ रिकार्डस व इंटरनेशनल बुक ऑफ रिकार्डस में दर्ज हो गया। 

जब उनके पास रिकार्ड के मेडल व सर्टिफिकेट आए तो उन्होंने परिजनों को दिखाए तो हर कोई उनकी उपलब्धि से हैरान रह गया। गीता ने जिन 40 मंदिरों के नाम एक मिनट में बोले, उन सभी का वे पति अरूण कुमार गर्ग के साथ दर्शन भी कर चुके हैं। उनके पति व बेटा वरूण गर्ग बिजनेस मैन हैं और वे खुद भी उसमें हाथ बंटाती हैं। उनकी बेटी ऋचा अग्रवाल आर्टिस्ट हैं।
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