रिपोर्ट :- अजय रावत

गाज़ियाबाद :- लोहिया नगर स्थित हिंदी भवन में उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी लखनऊ एव हिंदी भवन समिति द्वारा *जहर* नाटक का मंचन किया गया इस नाटक में जहर प्रेम विवाह करने वाले युगल के वास्तविक जीवन में आने वाली कठिनाइयों को दिखाता है।
किस प्रकार एक व्यक्ति अपने जीवन में एक मुकाम हासिल करने के लिए संघर्ष करता है परंतु पारिवारिक जीवन की कटुता और दुखों के कारण इतना निराश हो जाता है कि अपनी पत्नी की हत्या करने को तैयार हो जाता है व्यक्ति इंटरनेट पर खोजबीन में निकल के केमिस्ट के पास विशेष प्रकार का जहर खरीदने जाता परंतु जब केमिस्ट पूछता है कि वह जहर क्यों खरीदना चाहता है तो वक्त ही बहाने बनाने लगता है।
केमिस्ट बहुत ही स्मार्ट और बातों में उलझ कर व्यक्ति से पूछ लेता है कि वह अपनी पत्नी को मारने के लिए जहर खरीदना चाहता है यही नहीं केमिस्ट बातों बातों में भक्ति के निजी जीवन की बातें जान लेता है क्योंकि केमिस्ट बहरा है सुनता कुछ और बोलता कुछ जिस कारण नाटक में हास्य का पुट बराबर बना रहता है जीवन में छोटी-छोटी बातें कितना बड़ा रूप ले सकती हैं एक दूसरे की भावनाओं का सम्मान करना आवश्यक है।
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