रिपोर्ट :- अजय रावत

गाज़ियाबाद :- तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने वंश वाद को बढ़ावा देने के लिए 25 जून 1975 में काला कानून लाया था। आपातकाल के 21 माह देशवासी कभी भूल नहीं सकते। इस काला कानून के लिए देश कांग्रेस को कभी माफ नहीं करेगी। आपात काल में देशवासियों के साथ हुई कार्रवाई लोकतंत्र के इतिहास में काला अध्याय लिख दिया है। 

भाजपा महानगर अध्यक्ष संजीव शर्मा ने अपने विचार व्यक्त करते हुए आपात काल के अनछुए पहलुओं की चर्चा करते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी के निर्देश पर बेकसूर नागरिकों को जबरदस्ती जेल में ठूंसने का काम किया था। लगभग 1.40 लाख लोगों को जेल में डाल दिया गया, कोर्ट की आवाज को दबा दिया गया, न्याय व्यवस्था को अपने कब्जे में ले लिया, प्रेस का गला घोंट दिया गया। 

उन्होंने कहा जब-जब देश संकट में आया तब चाहे जनसंघ हों या भारतीय जनता पार्टी देश के साथ खड़े रहें। लेकिन जब भी देश संकट में आया तब कांग्रेस ने सिर्फ देश को बदनाम करने का काम किया। 25 जून 1975 से 21 मार्च 1977 तक यानी 21 महीने के लिए देश में आपातकाल लगाया गया था। तत्कालीन राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद ने तत्कालीन प्रधानमंत्री इन्दिरा गांधी के कहने पर भारतीय संविधान की धारा 352 के अधीन आपातकाल की घोषणा की थी। आपातकाल में चुनाव स्थगित हो गए और नागरिक अधिकारों को खत्म कर दिए गए थे। साथ ही इंदिरा गांधी के राजनीतिक विरोधियों को कैद कर लिया गया था।

संजीव शर्मा का कहना है, हर वर्ष 25 जून को देश के सभी नागरिक परिवार सहित अपने-अपने घरों पर दो मिनट का मौन रखकर आपात काल में सक्रिय भूमिका निभाने वाले दिवंगत आत्माओं को अवश्य श्रद्धांजलि दे।
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