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गाजियाबाद :- नाबालिग से दुष्कर्म करने वाले युवक को पाक्सो कोर्ट के न्यायाधीश हर्षवर्धन ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। अदालत ने दोषी पर 20 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है। मोदीनगर क्षेत्र में रहने वाला सुरजीत नाबालिग को भगाकर हिमाचल प्रदेश के खैरी में शादी कर चुका था। पुलिस की बरामदगी के दौरान वह तीन महीने की गर्भवती थी।
जिला शासकीय अधिवक्ता राजेश चंद्र शर्मा व पाक्सो कोर्ट के विशेष लोक अभियोजक हरीश कुमार ने बताया कि मोदीनगर थाना क्षेत्र के एक मोहल्ले में नाबालिग परिवार के साथ रहती थी। उसके पड़ोस में ही शाहजहांपुर के पुलवाया निवासी सुरजीत भी रहता था। वह मोदीनगर क्षेत्र में ही चिनाई का काम करता था। नाबालिग की मां ने आठ सितंबर 2015 को रिपोर्ट दर्ज कराई। रिपोर्ट में बताया कि उसकी बेटी को सुरजीत पांच सितंबर को बहलाकर साथ ले गया और उसके साथ दुष्कर्म किया।
पीड़िता की मां ने सुरजीत के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने 26 जून 2016 को हिमाचल प्रदेश से सुरजीत को गिरफ्तार कर पीड़िता को बरामद किया और सुरजीत को जेल भेज दिया। मामले की सुनवाई विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट की अदालत में चल रही थी। अभियोजन की तरफ से आठ लोगों की गवाही कराई गई। चिकित्सकीय परीक्षण में डॉ. माला शर्मा ने रिपोर्ट दी कि लड़की विवाहित थी। चिकित्सकीय परीक्षण के समय पहली बार तीन महीने की गर्भवती थी।