◼️परित्राणाय साधूनाम् विनाशाय च दुष्कृताम्। धर्म संस्थापनार्थाय संभवामि युगे युगे।।◼️

◼️गीता में भगवान श्री कृष्ण ने कहा था सज्जनों की रक्षा के लिए और दुष्टों के संहार के लिए मैं हर युग में जन्म लूंगा



रिपोर्ट :- अजय रावत

गाज़ियाबाद :- सरस्वती शिशु मंदिर नेहरू नगर गाजियाबाद में छात्रों द्वारा जन्माष्टमी का कार्यक्रम बनाया गया। नन्हे-मुन्ने छात्र राधा कृष्ण के वेश में आए थे। उन्होंने अपने मनमोहक स्वरूप से सबका मन मोह लिया। छात्रों ने अपने कार्यक्रम में कृष्ण की बाल लीलाओं को  भजन,लघु नाटिका  व नृत्य के माध्यम से मंच पर उकेरा। 

उत्सव के प्रमुख संयोजक आचार्य शिव कुमार शर्मा ने बताया कि भगवान कृष्ण का जीवन हम सबके लिए प्रेरणादायी है जन्म से लेकर मृत्यु तक विपरीत परिस्थितियों में होते हुए भी हर परिस्थितियों का डटकर मुकाबला किया और शत्रुओं  व दुष्टों का संहार किया। अगर दुष्ट राक्षसी प्रवृत्ति के लोग कृष्ण जी के बंसी बजाने से ही मान जाते तो उन्हें सुदर्शन चक्र नही उठाना पड़ता है। इसलिए धर्म की रक्षा के लिए शास्त्र और शास्त्र दोनों ही आवश्यक है।

विद्यालय की प्रधानाचार्या रेखा शर्मा न ने बताया कि भगवान कृष्ण हमारे मर्यादा , पुरुषोत्तम और योगीराज हैं। युद्ध के मैदान में भी गीता का ज्ञान देना, बुराइयों को अंत करने के लिए सदवृतत्तियों को जगाना उनका मुख्य कार्य था। इसीलिए महाभारत काल में उन्होंने धर्म का साथ दिया।
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