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यूपी/गाजियाबाद :- छात्र संगठनों के विरोध को दरकिनार करते हुए शहर के सबसे बड़े डिग्री कॉलेज एमएमएच ने 17 से 98 फीसदी तक फीस बढ़ा दी है। इसे लागू भी कर दिया गया है। कॉलेज प्रबंधन ने पहले 40 फीसदी तक फीस बढ़ाने की बात कही थी। इस वृद्धि का असर छह हजार छात्रों पर पड़ेगा। कॉलेज प्रबंधन का तर्क है कि 20 साल से फीस नहीं बढ़ाई गई थी। कॉलेज में सुविधाएं बढ़ाने के लिए यह वृद्धि करना आवश्यक हो गया था।

प्रथम वर्ष में बीए की फीस 72 फीसदी, बीकॉम की 80, एमकॉम की 27, एमए की 17 और एलएलबी की 98 फीसदी बढ़ाई गई है। इसी तरह द्वितीय और तृतीय वर्ष की फीस बढ़ाई गई है। फीस वृद्धि का प्रस्ताव आते ही छात्र संगठनों ने विरोध किया था। इससे माना जा रहा था कि या तो प्रबंधन प्रस्ताव को वापस ले लेगा या फिर वृद्धि बहुत कम की जाएगी लेकिन ऐसा हुआ नहीं। पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष अमन नागर ने इसे प्रबंधन की मनमानी बताते हुए फीस वृद्धि वापस लेने की मांग की है। उन्होंने कहा कि कॉलेज में जिले के दूर-दराज और गांवों में रहने वाले ग्रामीण परिवेश के विद्यार्थी दाखिला लेकर अपनी आगे की पढ़ाई करते हैं। इनमें अधिकांश विद्यार्थियों की आर्थिक स्थिति कमजोर है।

प्राचार्य प्रो. पीयूष चौहान ने बताया कि कॉलेज में शैक्षिक और अन्य गतिविधियों के विकास के लिए पिछले कुछ सालों से फीस बढ़ोतरी की आवश्यकता महसूस की जा रही थी। कोरोना के चलते इसे टाल दिया गया था। परिस्थितियां सामान्य होने पर फीस में बढ़ोतरी की गई है। बढ़ी हुई फीस से कॉलेज व विद्यार्थियों के विकास के लिए काम किया जाएगा।
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