रिपोर्ट :- विकास शर्मा

उत्तराखण्ड/हरिद्वार :- शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के मृत्यु पर मातृ सदन के संस्थापक स्वामी शिवानंद ने गहरा दुख व्यक्त करते हुए इससे देश की अपूरणीय क्षति बताया। मातृसदन के संस्थापक स्वामी शिवानंद ने शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के ब्रह्मलीन होने पर गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने  कहा कि शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती एक दिव्य आत्मा थे। गंगा रक्षा के आंदोलन में उनका सहयोग भुलाया नहीं जा सकता है।

मातृ सदन संस्थापक स्वामी शिवानंद ने कहा कि 2011 में मातृसदन के युवा संत के बलिदान को लेकर शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती अपने शिष्यों के साथ निगमानंद की समाधि पर पहुंचे और श्रद्धांजलि अर्पित की थी। शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती की दिव्य शक्ति और प्रेरणा से मातृसदन सदैव लाभान्वित होता रहेगा। मातृसदन उन्हें अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करता है। सूक्ष्म रूप में मातृसदन का जुड़ाव शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती से सदैव बना रहेगा।
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