◼️सर्दी ऋतु में भी होती रहेगी वर्षा, घाघ की कहावतें बताती हैं सटीक विश्लेषण



रिपोर्ट :- अजय रावत

गाज़ियाबाद :- शिव शंकर ज्योतिष एवं वास्तु अनुसंधान केंद्र गाजियाबाद इस वर्ष वर्षा कुछ अधिक ही हो रही है प्राकृतिक मौसम चक्र ग्रहों की चाल के अनुसार वर्षा निरंतर होती रहेगी। गत दिनों दशहरे के बाद से एक 5 दिन तक वर्षा हुई उस समय सूर्य हस्त नक्षत्र में था।
हस्त नक्षत्र में  जब सूर्य का संचरण होता है तो घाघ कवि का कहना है कि

हस्त बरसे चित्रा मंडराए।
घर बैठे किसान सुख पाए।
जब बरखा  चित्रा में होय।
सगरी खेती जावे खोय।

उपरोक्त घाघ की कहावतो का विश्लेषण इस प्रकार है।
9 अक्टूबर तक हस्त नक्षत्र में सूर्य चल रहे थे ।उससे पहले जो वर्षा हुई थी वह लाभकारी थी। किंतु 9 की रात से और 10 ,1,1 12 अक्टूबर तक जो वर्षा हुई है वह चित्रा नक्षत्र में हुई है।इसका अर्थ यह हुआ कि अच्छी संभावनाओं से युक्त किसानों की फसलों को पर्याप्त नुकसान होगा। जिससे किसानों की आशाओं पर पानी फिर जाएगा।
अनाजों में तेजी होगी।

20 अक्टूबर को बुध अस्त होंगे इसके लिए भी एक सूत्र है,
उदयास्तगत:शुक्रोबुधश्च वृष्टिकारक:।
अर्थात शुक्र और बुध के उदय अस्त होने पर वर्षा होती है और यह समय दीपावली के आसपास आ रहा है। शुक्र उदय 20 तारीख को हो रहे हैं। इसलिए दीपावली को भी बादल छाने एवं बूंदाबांदी से भारी वर्षा तक होने की संभावनाएं रहेंगी। इसके अलावा दीपावली के दिन पंच ग्रही योग बन रहा है। ज्योतिष में इसका सूत्र है:
एको राशौ यदा यान्ति,चत्वार:पंचखेचरा:,
प्लावयन्ति महीसर्वा रूधिरेण जलेन वा।

अर्थात जब चार या पांच ग्रह एक ही राशि में हो तो सारा संसार जल से पूरित  हो अर्थात भारी वर्षा हो अथवा परस्पर  युद्ध, विद्रोह अराजकता से, आदि से मनुष्य का रक्तपात
 हो। तुला राशि  वायु प्रधान राशि है। इसलिए वर्षा के साथ-साथ तेज हवा भी चलने की आशंका है।इस वर्ष हिमालय क्षेत्र, उत्तरी भारत और पूर्वी भारत में भूकंप आने की तथा तेज हवा से युक्त चक्रवात भी आने की पूरी पूरी संभावना है।
तुला राशि में 24 अक्टूबर को सूर्य, चंद्र शुक्र, केतु और राहु का योग बहुत अच्छा नहीं है। यह योग सूर्य ग्रहण के समय बनेगा ।इसका अर्थ यह हुआ कि विश्व में प्राकृतिक घटनाएं , भूस्खलन भूकंप आने की भी बहुत  संभावनाएं है।

आचार्य शिव कुमार शर्मा ,आध्यात्मिक गुरु ज्योतिषाचार्य गाजियाबाद
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