रिपोर्ट :- अजय रावत

गाज़ियाबाद :- श्री धार्मिक रामलीला समिति (पंजी0) कविनगर के मंच पर आज श्री राम-रावण महासंग्राम की रोमांचकारी लीला और अन्याय, आतंक और नारी शोषण के प्रतीक रावण, कुम्भकरण और मेघनाथ के वध की लीला और उनके विशालकाय पुतलों का दहन किया गया। समस्त रामलीला मैदान श्री राम की जयघोष के साथ गूंज उठा।

हनुमान जी द्वारा लाई संजीवनी बूटी से लक्ष्मण जी के प्राण बच जाते हैं और लक्ष्मण जी युद्ध के लिए तत्पर दिखाई पड़ते हैं। श्री राम-रावण की सेनाओं के बीच भयानक महासंग्राम प्रारम्भ हो जाता है। रावण अपने भ्राता कुम्भकरण को युद्ध के लिए निद्रा से जगाता है जो पूर्व जन्म में श्री नारायण के द्वारपालों जय और विजय में से विजय होता है जो श्राप के कारण कुम्भकरण के रूप में जन्म लेता है जिसकी मुक्ति नारायण द्वारा होनी होती है। कुम्भकरण रावण को ससम्मान माँ जानकी को श्री राम को लौटाने की सलाह देता है परन्तु रावण उसे भ्रात प्रेम से वशीभूत कर युद्ध के लिए राजी कर देता है। 

कुम्भकरण युद्ध के लिए मैदान में आता है उसके आते ही चारों ओर हाहाकार मच जाता है। नारायण अवतार श्रीराम कुम्भकरण का वध कर उसको श्रापमुक्त करते हैं। कुम्भकरण की मृत्यु का समाचार पाकर रावण अत्यन्त विचलित हो जाता है। अपने चाचा की मृत्यु का समाचार पाकर रावण पुत्र मेघनाथ युद्ध में जाने का निर्णय करता है, वो अपनी कुलदेवी निकुम्बला की आराधना करता है। विभीषण की सलाह पर हनुमान जी उसके यज्ञ को भंग कर देते हैं। लक्ष्मण और मेघनाथ के बीच भयंकर संग्राम होता है और लक्ष्मण के हाथों मेघनाथ मारा जाता है। मेघनाथ की मृत्यु का समाचार पाकर रावण का मनोबल टूट जाता है। रावण अहिरावण के पास जाकर उससे सहायता मांगता है अहिरावण श्री राम और लक्ष्मण को पाताल लोक ले जाता है। तब वीर हनुमान अहिरावण का वध कर राम और लक्ष्मण को सुरक्षित वापस ले आते हैं। 

श्री राम के शिविर में हर्ष की लहर दौड़ जाती है और अंत में रावण स्वयं युद्धभूमि में आता है। युद्ध में रावण राम और लक्ष्मण को नागपाश में बांध देता है। समस्त वानर सेना में चिन्ता की लहर दौड़ जाती है। तब हनुमान जी खगेस जी के द्वारा राम और लक्ष्मण को नागपाश से मुक्त कराते हैं। समस्त युद्धभूमि हनुमान जी की जय-जयकार से गूंज उठती है। श्री राम और रावण के बीच निर्णायक युद्ध प्रारम्भ होता है। अंततः श्री राम रावण का वध कर उसे सद्गति प्रदान करते हैं और लक्ष्मण को नीति शिक्षा हेतु रावण के पास भेजते हैं। रावण वध के साथ ही रावण कुम्भकरण मेघनाथ के विशालकाय पुतलों का दहन किया गया और समस्त मैदान श्रीराम के उद्घोष से राममय हो गया।

पुतलों का दहन रिमोट द्वारा मुख्य अतिथि केन्द्रीय मंत्री जनरल वीके सिंह, जिलाधिकारी गाजियाबाद राकेश कुमार सिंह एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मुनिराज जी. द्वारा किया गया। अन्य गणमान्य अतिथियों में मुरादनगर विधानसभा क्षेत्र के विधायक अजीत पाल त्यागी उपस्थित रहे। समिति के अध्यक्ष ललित जायसवाल, महामंत्री भूपेन्द्र चोपड़ा, गुलशन बजाज, नवेन्दू सक्सेना, अजय जैन, अवनीश गर्ग, तरूण चौटानी, दिवाकर सिंघल, अनिल जैन, राजेश गर्ग, अजय गुप्ता, पुनीत बेरी, पवन गुप्ता, गौरव चोपड़ा, आनन्द गर्ग, दिव्यांशु सिंघल, राजबीर त्यागी, सुरेश महाजन, अजय अग्रवाल, डी०पी० कौशिक आदि उपस्थित रहे।
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