रिपोर्ट :- अजय रावत

गाज़ियाबाद :- भाई बहनों का सबसे प्रसिद्ध त्यौहार भैया दूज 27 अक्टूबर 2022 बृहस्पतिवार को मनाया जाएगा।
आचार्य शिव कुमार शर्मा ने बताया कि बृहस्पतिवार को मध्यान्ह 12: 10 बजे तक विशाखा नक्षत्र होने से प्रवर्धन योग बनता है। उसके पश्चात अनुराधा नक्षत्र आता  है।गुरुवार को अनुराधा नक्षत्र में आनन्द योग बनता है। और विष्कुंभ आदि 27 योगों में इस दिन  सौभाग्य योग भी प्रातः काल 7:25 से पूरे दिन रहेगा। इन  विशिष्ट योगों में मनाया जाने वाला भैया दूज का त्यौहार भाइयों और बहनों के लिए मधुरता ,प्रेम ,समृद्धि का कारक है। यह पर्व अति विशिष्ट  महत्व रखता है।

भैया को तिलक करने की मुहूर्त
प्रातः 8:06 से 10:24 तक वृश्चिक लग्न ( स्थिर लग्न)
मध्यान्ह 11:24 से 12:36 तक  विशिष्ट अभिजीत मुहूर्त,
14:10 बजे से 15:38 बजे तक कुंभ लग्न स्थिर लग्न
शाम 18:36 बजे से 20:35 बजे तक वृषभ लग्न (स्थिर लग्न) भैया दूज के इस पावन पर्व के साथ-साथ विश्वकर्मा पूजन भी होगा औद्योगिक संस्थानों में यद्यपि 17 सितंबर को विश्वकर्मा जयंती मनाने की परंपरा चल रही है ।लेकिन ज्योतिषीय और शास्त्रीय लेखों के अनुसार विश्वकर्मा पूजन कार्तिक शुक्ल द्वितीया को को मनाया  जाता है। 

इसलिए विभिन्न औद्योगिक क्षेत्रों में कार्य करने वाले उद्योगपति, कर्मचारी और मजदूर अपने संस्थान में विश्वकर्मा पूजन करते हैं और वर्ष भर व्यापार वृद्धि की कामना करते हैं। भगवान विश्वकर्मा को देवताओं का शिल्पकार कहा गया है। सृष्टि की रचना से लेकर सृष्टि को चलाने के  लिए सही उपादानों के कारक भगवान विश्वकर्मा ही है।
ओम् विश्वकर्मणे नमः। इस लघु मंत्र द्वारा विश्वकर्मा  भगवान का ध्यान किया जा सकता है।

आचार्य शिव कुमार शर्मा ,आध्यात्मिक गुरु एवं ज्योतिषाचार्य गाजियाबाद
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