रिपोर्ट :- अजय रावत

गाजियाबाद :- आचार्य शिव कुमार शर्मा बताया कि पत्रकार सुधीर चौधरी ने फिल्म आदिपुरुष के डायरेक्टर ओम रावत और उसके संवाद लेखक मनोज मुंतशिर का इंटरव्यू लिया। इंटरव्यू में मनोज ने कहा कि हमने रामायण का आधुनिक वर्जन बनाया है। इससे युवाओं और विश्व में रामायण के प्रति झुकाव बढ़ेगा। तुलसीदास ने भी वाल्मीकि रामायण को अवधी भाषा में लिख कर नई पहचान बनाई थी। इन महाशय से यह पूछो कि रामायण के पात्रों का चरित्र हरण करके नवीन युवकों और विश्व को क्या बताना चाहते हैं कि खिलजीनुमा रावण चमगादड़ में बैठता था। हनुमान चमडे के वस्त्र पहनते थे। राम के पैरों में खड़ाऊं की जगह सैंडल थे।

और जैसे इन्होने कहा कि तुलसीदास ने रामायण का अवधी वर्जन किया था यह भी नया प्रयोग था। मैं पूछता हूं कि गोस्वामी तुलसीदास जी ने रामायण के पात्रों के चरित्र और कार्य और पहचान से छेड़छाड़ नहीं की थी। संस्कृत भाषा को सरल भाषा में जन उपयोगी भाषा में केवल रूपांतरण किया था। तुमने तो इस पिक्चर में सारा घटनाक्रम बदल के रख दिया है। और पात्रों का इस्लामीकरण करके उनका चरित्र हनन किया है। जबकि हिंदू परिवारों में बच्चा बच्चा जानता है कि उनके राम हनुमान रावण की छवि किस प्रकार की है। हिंदू समाज इसे फिल्म का बहिष्कार ही नहीं ,सरकार से बैन लगाने की मांग करेगा। 

मुझे खुशी की आदि पुरुष पिक्चर के खिलाफ याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच रही हैं। प्रत्येक हिंदू को यह सोचना है कि चाहे वो मुस्लिम कलाकार हो या हिंदू कलाकार , हिंदू देवी देवताओं के चरित्र से छेड़छाड़ करने के लिए इन्हें सबक सिखाना चाहिए ताकि भविष्य में ऐसे हिंदू विरोधी कृत्य करने से पहले दस बार सोचें। सरकार और सेंसर बोर्ड को भी अब सावधानी रहना पड़ेगा कि हिंदू विरोधी ऐसे सीरियल्स या फिल्मों को तुरंत बैन कर निर्देशकों को सख्त निर्देश जारी करें। आज हिन्दू समाज में अपने धर्म के प्रति जागृति आई है। आशा है कि कोई भी कलाकार हिंदू धर्म विरोधी कृत्य करके विवाद का कारण बनेगा।
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