रिपोर्ट :- अजय रावत

गाज़ियाबाद :- श्री धार्मिक रामलीला समिति (पंजी०) कविनगर के मंच पर आज लंका कांड की लीला के मंचन के साथ महासंग्राम का श्री गणेश हो गया। श्री हनुमान जी के सीता की खोज खबर लेकर लौटने के उपरान्त जानकी का संदेश श्री राम को देते हैं और जानकी द्वारा दी चूड़ामणि श्री राम को सौंपते हैं। लंकेश रावण का भाई विभीषण रावण को ससम्मान सीता जी को श्री राम को लौटाने के लिए समझाते हैं, लेकिन अहंकारी रावण अपने भाई की एक नहीं सुनता और विभीषण को लात मारकर लंका से निकाल देता है। विभीषण श्री राम की शरण में आते हैं और समस्त जानकारी श्री राम को देते हैं। श्री राम विभीषण को राजा घोषित कर उनका राज्याभिषेक करते हैं। सभी सागर तट पर पहुँच जाते हैं। श्री राम सागर के पार जाने के लिए भगवान शिव की आराधना करते हैं। तीन दिन तक अनुनय-विनय के उपरान्त भी समुद्र मार्ग नहीं देते। सागर द्वारा उपेक्षा से क्षुब्ध श्री राम अग्निबाण चलाने के लिए धनुष उठाते हैं तभी समुद्र देव प्रकट होते हैं और श्री राम को सेतु निर्माण का मार्ग बतलाते हैं। नल-नील द्वारा श्री राम नाम की शिखाओं द्वारा सेतु का निर्माण किया जाता है।

युद्ध से पूर्व अंगद को दूत बनाकर रावण के पास भेजा जाता है। रावण अंगद को दूत मानकर श्री राम की कायरता मान लेता है। अंगद और रावण के बीच जोरदार संवाद होता है और अगद रावण को अपने पिता बालि से मिली पराजय का स्मरण कराता है। अंगद बार-बार समझाने के उपरान्त अंततः रावण के दरबार में अपना पांव जमाकर रावण को चुनौती देता है। रावण का कोई भी योद्धा अंगद के पांव नहीं हिला पता और तब अंगद अपना पांव हटाकर रावण को श्री राम की शरण में जाने की सलाह देता है।

महायुद्ध के नगाड़े गूंज उठते हैं। श्री राम की वानर, लंगूर, भालू आदि की सेना और रावण की राक्षसी सेना आमने-सामने आ जाती है। युद्ध के प्रारम्भ में ही रावण की सेना के प्रमुख योद्धा मकराक्ष, दुर्मुख और प्रहस्थ आदि युद्ध में मारे जाते हैं। मेघनाथ युद्ध के लिए आता है परन्तु राम की सेना के सामने उसे युद्ध छोड़ना पड़ता है। मेघनाथ पुनः तैयारी के साथ युद्ध में आता है और शक्ति प्रहार से लक्ष्मण को मुर्छित कर देता है। श्री राम की सेना पर गम्भीर संकट गहरा जाता है तब विभीषण की सलाह पर लंका के वैद्य सुषैन को हनुमान जी युद्ध स्थल पर लाते हैं और उनके सुझाये उपाय के अनुसार हनुमान जी हिमालय से संजीवनी बूटी लेकर आते हैं जिसके उपचार द्वारा लक्ष्मण जी के प्राण बच पाते हैं हनुमान जी के बल बुद्धि और पराक्रम द्वारा लक्ष्मण जी के प्राण बच पाते हैं। सभी उपस्थित भक्तों ने इस मंचन का जोर दार तालियों के साथ आनंद लिया।

लीला का मंचन देखने आये अतिथियों में मा० विधायक गाजियाबादअतुल गर्ग, पी०ए०सी० कमांडेंट कल्पना सक्सैना, आई०पी०एस० ए०डी०एम० विवेक श्रीवास्तव, ए0डी०एम० नोएडा नितिन मदान, एस०डी०एम० सदर विनय कुमार, पूर्व महापौर अशु वर्मा, अमर उजाला के संपादक धीरेन्द्र मिश्रा आदि प्रमुख रहे। इस अवसर पर समिति के अध्यक्ष ललित जायसवाल, महामंत्री भूपेन्द्र चोपड़ा, सुरेश महाजन, अवनीश गर्ग, विवेक मित्तल, तरूण चौटानी, अजय जैन, मयंक जैन आदि उपस्थित रहे। 

5 अक्तूबर को विजयादशमी के दिन श्री राम और रावण की सेना के बीच महासंग्राम की लीला, मेघनाथ, कुम्भकरण और लंकाधिपति रावण का वध एव पुतलों का दहन होगा। कल लीला अपरान्ह 4.30 बजे प्रारम्भ होगी। केन्द्रीय मंत्री जनरल वीके सिंह समारोह के मुख्य अतिथि होंगे। पुतलों का दहन रात्रि 8.00 बजे किया जायेगा।
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