रिपोर्ट :- विकास शर्मा 

उत्तराखण्ड :- हरिद्वार उत्तरी क्षेत्र के भूपतवाला स्थित गंगा स्वरूप आश्रम में पूर्व ज्वालापुर विधायक भाजपा नेता सुरेश राठौड़ ने श्री रविदास अखाड़े की घोषणा उपरांत अन्य अखाड़ों के संतों ने इसका पुरजोर विरोध करते हुए इसे अमान्य करार दिया है। भाजपा विधायक सुरेश राठौर खुद इस अखाड़े के राष्ट्रीय अध्यक्ष होंगे। जबकि भ्रष्टाचार के आरोप में विजिलेंस जांच का सामना कर रहे पूर्व डीएफओ किशन चंद को महामंत्री बनाया है।

भूपतवाला स्थित गंगा स्वरूप आश्रम में आयोजित श्री रविदास कथा के समापन पर पत्रकार वार्ता के दौरान श्री गुरु रविदास अखाड़ा के गठन की घोषणा करते हुए रविदासाचार्य सुरेश राठौर ने कहा कि विश्व के प्राचीनतम धर्म सनातन धर्म का गरिमामय इतिहास है। सनातन धर्म में अनेक सिद्ध तपस्वी, मनस्वी व आध्यात्मिक ऊर्जा से ओतप्रोत संत महात्मा व ऋषि हुए हैं।सनातन धर्म का वैदिक काल समानता का प्रतीक व सामाजिक भेदभाव एवं विषमताओं से मुक्त है। उन्होंने कहा कि देश में वंचित वर्ग अनुसूचित जाति व जनजाति की आबादी देश की आबादी की लगभग 25 प्रतिशत है। अनुसूचित जाति जनजाति वर्ग प्राचीन काल से ही सनातन धर्म की रीतियों, नीतियों व परम्परा का पालन करता रहा है। लेकिन धर्म क्षेत्र में इन वर्गो का प्रतिनिधित्व लगभग नगण्य है।

इसलिए इन वर्गो की धार्मिक, आध्यात्मिक, सामाजिक उन्नति के लिए व संगठित कर शैक्षणिक स्तर को ऊंचा करने के उद्देश्य से श्री गुरु रविदास महापीठ के समस्त राज्यों एवं विश्व के अन्य देशों के प्रतिनिधियों द्वारा बैठक कर विचार विमर्श के उपरांत श्री गुरु रविदास अखाड़ा के गठन का निर्णय लिया गया। नवीन गुरु रविदास अखाड़े की घोषणा के साथ ही अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद अध्यक्ष (निरंजनी) श्रीमहंत रविंद्र पुरी ने स्पष्ट किया है कि संतों के 13अखाड़े ही मान्य है। महंत, महामंडलेश्वर आदि पदवी भी केवल इन्हीं 13 अखाड़ों के संतों को दी जाती है और यही अखाड़े बना सकते हैं।
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