रिपोर्ट :- अजय रावत

गाज़ियाबाद :- मीना कौशिक ने बताया कि गौ माता की सेवा का ही नतीजा है कि ईश्वर के आशीर्वाद से सुख संपन्नता और यशस्वी होने का आशीर्वाद मिला है। मीना कौशिक के शब्दों में ,"गौ माता की सेवा ही सुंदर सफल जीवन मिला है बचपन में घर के दरवाजे में दहलीज पर दो गाय होती थी गाय और बछिया और एक बछड़ा.... सुबह उठते ही उनके दर्शन होते थे उनके माथे को चूमकार कर उन्हें चारा खिलाकर दिनचर्या शुरू होती है। यही नहीं घर के अंदर जो एंट्री करता था उसको भी हमारी प्यारी सी गाय के दर्शन करके ही घर के अंदर जाना होता था उसी का नतीजा है ईश्वर ने सुंदर सफल जीवन गऊ माता की सेवा के कारण ही दिया है।

चुनावी गर्माहट से दूर आजकल माता के लिए पूरा दिन रखा गौमाता को मीठे पराठे खिला कर गौ माता का आशीर्वाद लिया..... बहुत ही सुखद आनंद की प्राप्ति हुई। भारतीय संस्कृति में गौ माता हमारी सबसे बड़ी माता है जिसकी सेवा से ही लोक और परलोक दोनों में सुखद प्राप्ति होती है.। गाय का स्वयं का जीवन पूरे परोपकार से भरा हुआ है जैसे मां अपने आंचल में बच्चों को पालती है वैसे ही गाय का जीवन उस के आशीर्वाद से लेकर उसकी हड्डियों तक उसके गोबर और गोबर मूत्र से लेकर उसके अमृत समान दूध तक।।। मां के समान है। मां सिर्फ देती है लेती कुछ नहीं.... मां को तो सिर्फ स्नेह चाहिए... 

स्वच्छता पवित्रता की प्रतीक गाय माता हमारे जीवन को सफल बनाती है हमें अपने जीवन में गाय  सेवा अपने जीवन को सार्थक अवश्य बनाना चाहिए।
अगर हम आयुर्वेद में पड़े तो गाय का दूध बच्चे के लिए तो अमृत समान है ही तमाम बीमारियों में भी बहुत ही लाभप्रद है गाय का गोबर हमारे पूजा-पाठ और गांव में स्वच्छता के लिए त्योहारों का अभिन्न हिस्सा है और गाय के मूत्र से भयंकर से भयंकर बीमारियां दूर करने के लिए दवाइयां तैयार की जाती हैं गाय के जीवन से हमें सीखना चाहिए कि हम परोपकार करें और अपने जीवन को सार्थक करे।
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