रिपोर्ट :- विकास शर्मा

उत्तराखण्ड :- हरिद्वार व कनखल के गंगा घाटों पर करोड़ों रुपए गंगा की स्वच्छता और निर्मल निर्मलता पर नमामि गंगे प्रोजेक्ट की महत्वपूर्ण योजना के तहत गंगा घाटों पर गंदगी और कूड़े के अंबार लगे हुए हैं।                                                          
मां गंगा के दर्शन तथा स्नान हेतु लाखों लोग हरिद्वार आते हैं। आस्था की इस नगरी में गंगा घाटों पर व्याप्त गंदगी और कूड़े के अंबार लगे हुए हैं। गंगा को स्वच्छ और निर्मल बनाने हेतु प्रधानमंत्री की नमामि गंगे योजना पर करोड़ों रुपए खर्च होने के बाद भी आज भी गंगा प्रशासन की उपेक्षा के चलते मैली नजर आती है। प्रशासन और नगर निगम में पार्षदों के राजनीतिक मतभेदों के कारण तीर्थ नगरी की सफाई व्यवस्था चरमरा गई है। 

वहीं सिंचाई विभाग द्वारा गंगा बंदी के दौरान घाटों और गंगा की सफाई मात्र कागजों तक ही सीमित रही। निगम पार्षदों की आपसी राजनीतिक खींचातानी का खामियाजा श्रद्धालुओं और क्षेत्र की जनता को भुगतना पड़ रहा है। गंगा तट किनारे बसे इस हरिद्वार नगरी को स्वच्छता हेतु नंबर वन का खिताब मिल चुका है। 

हरिद्वार के गंगा घाटों पर तथा क्षेत्र में फैली गंदगी के कारण यह खिताब हरिद्वार प्रशासन को मुंह चिढ़ा रहे हैं। गंगा घाटों पर फैली गंदगी तथा शहर में व्याप्त गंदगी पर हरिद्वार के संतो और जनता में रोष व्याप्त है। उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री से इस दिशा में कारगर कदम उठाने की मांग की है।
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