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गाजियाबाद :- 16 दिसंबर का दिन बहुत खास है। इस दिन कई शुभ योग बन रहे हैंए जिनके कारण शुक्रवर 16 दिसंबर का दिन बहुत खास बन गया है। आचार्य दीपक तेजस्वी ने बताया कि शुक्रवार 16 दिसंबर को धनु संक्रांतिए कालाष्टमी व रुक्मिणी अष्टमी का एक साथ होना ही इस दिन को अधिक महत्वपूर्ण बना रहा है। 

पूजा पाठ के लिहाज से ये तीनों पर्व बहुत मायने रखते हैं। इस दिन से खरमास भी लग जाएगा जिसके कारण एक महीने तक शुभ कार्य पर पाबंदी रहेगी। आचार्य दीपक तेजस्वी ने बताया कि संक्रांति हर माह मनाई जाती है। शास्त्रों के अनुसार जब सूर्य राशि परिवर्तन करते हैं तो उस दिन संक्रांति का पर्व होता है। सूर्य जिस राशि में प्रवेश करते हैं उस राशि के नाम पर संक्रांति कहलाती है।  16 दिंसबर 2022 को सूर्य धनु संक्रांति में विराजमान होंगे। इस दिन सूर्य देवता की पूजा करने से मानण्सम्मानए बलए तेजए कीर्ति प्राप्त होती है।  

सूर्य के धनु राशि में जाने पर खरमास शुरू हो जाते हैं। इन्हें मलमास भी कहा जाता है। इसके बाद सूर्य का गोचर 14 जनवरी 2023 को मकर राशि में होगाए जिसे मकर संक्रांति के नाम से जाना जाता है। कालाष्टमी पर भगवान काल भैरव की पूजा का विधान है। काल भैरव की आराधना से भयए शत्रु बाधाए ग्रह बाधा औरव तमाम कष्टों से मुक्ति मिलती है। शुक्रवार को रुक्मिणी अष्टमी का व्रत भी है। 

मान्यता के अनुसार इस दिन श्रीकृष्ण की पटरानी देवी रुक्मिणी का जन्म हुआ था। इन्हें लक्ष्मीस्वरूपा माना गया है। देवी रुक्मिणी की उपासना जीवन में धनए संपदाए वैभवए वैवाहिक सुख व सौभाग्य प्राप्त होता है।
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