सिटी न्यूज़ | हिंदी.....✍🏻

गाज़ियाबाद :- माघ मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकट चतुर्थी कहते हैं। 10 जनवरी 2022 को यह पर्व मनाया जाएगा इस दिन मध्यान्ह 12:09 बजे तक तृतीया तिथि रहेगी। उसके पश्चात चतुर्थी तिथि आरंभ होगी ।इसीलिए संकट चतुर्थी व्रत रखा जाएगा।

संकट चतुर्थी की कथा
यह व्रत भगवान गणेश जी के पुनर्जन्म तिथि को मनाया जाता है । इसकी कथा इस प्रकार है।
एक बार मां पार्वती स्नान कर रही थी। उन्होंने गणेश जी को द्वार पर बैठा दिया और कहा कि कोई अंदर ना आने न पाए ।किंतु उनके पिता शंकर भगवान स्वयं आ गए।
गणेश जी ने उनको भी दरवाजे पर रोक लिया। अंदर नहीं जाने दिया ।शिव को क्रोध आ गया और त्रिशूल से उनका गर्दन काट ली। जब पार्वती माता स्नान करके बाहर आई तो अपने पति पर बहुत क्रोधित हुई। और कहा कि मेरा पुत्र मुझे जिंदा चाहिए।

भगवान शंकर ने अपनी भूल मानी और अपने गणों को चारों ओर भेज दिया। कोई भी नवजात मिले उसे तुरंत ले आओ। काफी खोजने के बाद जब शिवगण वापस आने लगे उन्हें हाथी का छोटा बच्चा दिखा दिया ।उन्होंने उससे विनती की ।उसने उनकी विनती स्वीकार कर लिया और शिव ने उसका मस्तक काट दिया। उसको लेकर तुरंत शिव के पास पहुंचे। भगवान ने गणेश जी के धड़ पर हाथी का मस्तक लगाकर उसे पुनर्जीवित कर दिया।।
 संकट की इस महान घड़ी को संकट चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है। इस दिन भगवान गणेश जी की पूजा होती है ।और संकट ,आपत्ति ,बाधा निवारण हेतु भगवान गणनाथ का पूजन किया जाता है।

कैसे करें पूजा
प्रातः काल व्रत का संकल्प लेकर के महिलाएं निराहार व्रत रहें अथवा यदि आवश्यक हो तो कुछ फलाहार कर लें। शाम को सूर्यास्त से पूर्व गणेश जी की पूजा करें ।नैवेद्य ,मिष्ठान, तिल आदि से भगवान को प्रसन्न करें।
गणेश जी के दिन भगवान गणेश की मंत्रों द्वारा जाप करें, कथा सुनें, गणेश जी की आरती करें। रात्रि चंद्र उदय होने पर चंद्रमा को जल देकर अपना व्रत का समापन करें

 चंद्रमा रात्रि 20:42 पर  उदय होंगे
। यह व्रत महिलाएं अखंड सौभाग्य के लिए, पति की दीर्घायु के लिए और सभी संकटों के निवारण के लिए ,पुत्र पौत्र के स्वास्थ्य की कामना के लिए करती हैं।
श्रद्धा पूर्वक किए गए संकट चतुर्थी व्रत से श्री भगवान गणेश जी उनके सभी मनोकामना को पूरा करते हैं।

आचार्य शिव कुमार शर्मा अध्यक्ष शिवशंकर ज्योतिष एवं वास्तु अनुसंधान केंद्र गाजियाबाद
Previous Post Next Post