◼️सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने पर मनता है मकर संक्रांति का पर्व

◼️14 जनवरी को सूर्य मकर राशि में सूर्यास्त के बाद प्रवेश करेंगे



सिटी न्यूज़ | हिंदी......✍🏻

गाजियाबाद :- मकर संक्रांति पर्व को लेकर इस बार भ्रम की स्थिति है। लोगों की समझ में नहीं आ रहा है कि पर्व 14 जनवरी को मनाएं या 15 जनवरी को मनाएं। ऐसे में आचार्य दीपक तेजस्वी का कहना है कि मकर संक्रांति का पर्व 15 जनवरी को ही मनाए क्योंकि इस बार सूर्य 14 जनवरी को मकर राशि में सूर्यास्त के बाद प्रवेश कर रहा है। 15 जनवरी को दोपहर 12.45 तक पुण्य काल भी रहेगा। 

ऐसी स्थिति में अगले दिन अर्थात 15 जनवरी को मकर सक्रांति का पर्व मनाना शास्त्र सम्मत होगा। शनिवार 14 जनवरी को सूर्य मकर राशि में रात्रि 8.45 पर प्रवेश कर रहे हैं और सूर्यास्त शाम को 5.41 पर हो रहा है। इसी कारण मकर सक्रांति 15 जनवरी को ही मनानी चाहिए। आचार्य दीपक तेजस्वी ने बताया कि जब सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है तब उत्तरायण में भी प्रवेश करता है और उत्तरायण को देवताओं का दिन कहा गया है। 

शास्त्रों के अनुसार उत्तरायण में ही विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन संस्कार, उपनयन यगोपवित आदि सभी धार्मिक गतिविधियां करना शुभ होता है। सूर्य जब मकर राशि में प्रवेश करता है तो शनि की राशि में प्रवेश करता है अर्थात सूर्य देव अपने पुत्र के घर पर प्रवेश करते हैं। भीष्म पितामह ने भी इसी दिन अपने प्राण त्यागे थे क्योंकि देवताओं के दिन इसी दिन से प्रारंभ होते हैं। इसे ही आम भाषा में उत्तरायण भी कहते हैं। मकर सक्रांति में दान का विशेष महत्व है। 

इस दिन गरम वस्त्र, तिल आदि का दान करने व पवित्र नदियों, सरोवर आदि में स्नान करने से सभी कष्टों से छुटकारा मिलता है और महान फल की प्राप्ति होती है।  इस दिन खिचड़ी खाना और तिल का दान करना सर्वश्रेष्ठ माना गया है।
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