रिपोर्ट :- अजय रावत

गाजियाबाद :- भारतीय पंचांग के अनुसार गुरु पुष्य और रवि पुष्य योग अत्यंत लाभदायक बताए गए हैं।
बृहस्पतिवार को पुष्य नक्षत्र होने से गुरु पुष्य योग होता है और रविवार को पुष्य नक्षत्र होने से रवि पुष्य  योग होता है।
27 नक्षत्रों में पुष्य नक्षत्र को सर्वश्रेष्ठ माना गया है ।इसकी विशेषता यह है कि यह जिस दिन होता है उस दिन के अनुरूप शुभ परिणाम देता है। इस बार 8 जनवरी 2022 को रविवार को पुष्य नक्षत्र पूरे 24 घंटे रहेगा।

इस नक्षत्र में वैवाहिक कार्य को छोड़कर अन्य सभी शुभ कार्य बहुत ही उत्तम  फलदायक होते हैं। रवि पुष्य योग में नया व्यापार शुरू करना गृह प्रवेश ,नींव पूजन ,धन निवेश भूमि भवन की खरीदारी उत्तम रहती है। इसके साथ साथ गृह उपयोगी सामान वस्त्र आदि सामान, आभूषण खरीदना बहुत ही शुभ रहता है।रवि पुष्य योग में मंत्र सिद्धि भी बहुत शीघ्रता  से होती है। अपने इष्ट का मंत्र जपने से साधक वाक् सिद्धि प्राप्त कर लेता है।

इसके अलावा कोई विशेष मंत्र का अनुष्ठान,जाप आदि का आयोजन शीघ्र फलदायक होता है। माघ मास में बन रहे रवि पुष्य योग में योग्य पात्र को दान देना भी बहुत ही पुण्य फलदायक है ।गरीब ,निर्धन, मजदूर व्यक्ति को भोजन कराना वस्त्र आदि दान करना बहुत पुण्य कार्य होता है। कहा जाता है कि इस दिन दान करने से कई गुना फल मिलता है।
इस दिन तीर्थ क्षेत्रों  अथवा पवित्र नदियों में स्नान करना भी उत्तम माना गया है।

8 तारीख को हो रहे रवि पुष्य योग वर्ष का पहला रवि पुष्य योग है। इस वर्ष कुल पांच बार रविपुष्य आएगा।
5 फरवरी ,10 सितंबर, 6 अक्टूबर, 5 नवंबर। रवि पुष्य योग अथवा गुरु पुष्य योग में विवाह करना शुभ माना गया है। इसके अतिरिक्त सभी कार्य अत्यंत शुभ होते हैं।

आचार्य शिव कुमार शर्मा
आध्यात्मिक गुरु एवं ज्योतिषाचार्य गाजियाबाद
Previous Post Next Post