रिपोर्ट :- अजय रावत

गाजियाबाद :- 50 साल के संजय सिंह ने अदालत से डीएनए टेस्ट कराने की गुहार लगाई है। उन्होंने कहा कि डीएनए टेस्ट कराकर उन्हें उनके पिता से एक बेटे और उनकी मां काे पत्नी का वाजिब हक दिलाया जाए। संजय सिंह ने गाजियाबाद की अदालत में मुकदमा भी दायर किया है। मंगलवार को होटल कृष्णा सागर में आयोजित पत्रकार वार्ता में उन्होंने बताया कि उनकी मां बालेश्वरी देवी मूलरूप से ग्राम सादोपुर जनपद गौतमबुद्ध नगर की रहने वाली है। उनका विवाह 53 वर्ष पूर्व 8 मई 1970 को महेन्द्र सिंह चौधरी पुत्र स्वर्गीय सरजीत सिंह निवासी कोटला मुबारकपुर नई दिल्ली के साथ हुआ था। 

संजय सिंह के मुताबिक उनके नाना फौजी थे और उन्होंने अपनी हैसियत के मुताबिक शादी के समय अच्छा-खासा दान-दहेज दिया था। शादी के दो साल बाद उनका गौना हुआ था। 1973 में मेरा जन्म हुआ। जब वे सवा महीने के था तो उनके पिता ने कॉलेज में अपने साथ पढ़ने वाली आशा नामक महिला से दूसरी शादी कर ली। आशा के पिता एक रसूखदार अफसर थे और वह कस्टम विभाग में बड़े अधिकारी थे। दूसरी शादी के बाद मेरे पिता ने सवा महीने की उम्र में मुझे और मेरी मां को घर से निकाल दिया। इसी कारण उनकी परवरिश ननिहाल में हुई। उनकी मां ने विपरीत परिस्थितियों में कष्ट भरा जीवन व्यतीत करते हुए उन्हें बड़ा किया।  

अपनी मां को न्याय दिलाने के लिए तमाम चुनौतियों का सामना करते हुए उन्होंने वकालत की पढ़ाई की और अब अपना हक पाने के लिए उन्होंने अदालत की शरण ली है। संजय सिंह ने अदालत को बताया कि उनके पिता की दूसरी पत्नी से तीन बच्चे हैं जो काफी रसूखदार हैं। दूसरी पत्नी से दो बेटे भूपेन्द्र सिंह व धर्मेन्द्र सिंह हैं, जबकि बेटी वर्षा सिंह दादरी से पूर्व विधायक स्वर्गीय महेन्द्र सिंह भाटी के छोटे बेटे निशीत सिंह के साथ ब्याही गई हैं। वर्षा सिंह की ननद शुभा उत्तराखंड के लंढोरा रियासत के राजकुमार व रुड़की से पूर्व विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन के साथ ब्याही गई है। 

संजय सिंह ने आरोप लगाया कि उनके पिता दबंग व बाहुबली किस्म के व्यक्ति हैं और वे किसी भी तरह मुझे व मेरी मां को हमारा अधिकार देना नहीं चाहते हैं।  इसी कारण उन्होंने यायालय में प्रार्थना.पत्र दिया कि उन्हें झूठी साजिश में फंसाकर परेशान किया जा रहा है, इसलिए याचिका को खारिज कर दिया जाए। उन्होंने अदालत से याचिका की सुनवाई दिल्ली में कराने की प्रार्थना की, जिसे अदालत ने खारिज कर दिया। उच्च न्यायालय के बाद सुप्रीम कोर्ट में भी उनकी याचिका को स्वीकार नहीं किया गया। संजय सिंह ने न्यायालय से गुहार लगाई है कि उनका और उनके पिता का डीएनए टेस्ट करवाया जाए ताकि सच्चाई सभी के सामने आ सके।
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