नई दिल्ली :- भारतीय जन संचार संस्थान और भारतीय भाषा समिति के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी को संबोधित करते हुए भारत के प्रमुख हिन्दी समाचार पोर्टल के संपादक नीरज कुमार दुबे ने कहा कि भारतीय भाषाओं का भविष्य बेहद उज्ज्वल है।

'डिजिटल तकनीक और भारतीय लिपियां' विषय पर आयोजित तकनीकी सत्र को संबोधित करते हुए प्रभासाभी डॉट कॉम के संपादक *नीरज दुबे* ने कहा कि तकनीक ने भारतीय भाषाओं में जीविका के अवसर बढ़ाए हैं। इससे भारतीय भाषाओं का भविष्य उज्ज्वल होगा। उन्होंने कहा कि आज इंटरनेट पर  हिंदी और भारतीय भाषाओं को लिखना, पढ़ना और उपयोग करना, पहले के मुकाबले बहुत आसान हो गया है। अब सरकार की योजनाओं की जानकारी विधिवत रुप से भारतीय भाषाओं में भी उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि भाषा के विस्तार, विकास और उज्ज्वल भविष्य के लिए हम सबको अपने-अपने स्तर पर प्रयास करने होंगे।

उन्होंने कहा कि इसके अलावा हमें एक चीज और ध्यान रखनी चाहिए कि हम जिस भी भाषा में पत्रकारिता करते हों हमें सभी भारतीय भाषाओं को साथ लेकर चलना है। साथ ही आप यदि आईटी में रुचि रखते हैं और यदि हिंदी या बंगाली भाषा भाषी के लिए कोई तकनीकी विकास कर रहे हैं तो प्रयास करें कि उसका लाभ सभी भारतीय भाषाओं को मिले। अपनी मातृभाषा से प्यार जायज है लेकिन बाकी भारतीय भाषाएं भी हमारे परिवार की हैं इसलिए सभी का ख्याल रखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि आप सभी जल्द ही मीडिया में अपना कॅरियर बनायेंगे इसलिए अपने एक अनुभव से आपको रूबरू कराना चाहता हूँ। जब हम दिल्ली-एनसीआर से बाहर निकलते हैं और लोगों से गांवों में जाकर मिलते हैं या दक्षिण या पूर्वोत्तर या कश्मीर में जाते हैं तो लोगों की नेशनल मीडिया से जो शिकायत रहती है वह यह है कि आप हमारी बात कभी नहीं दिखाते। उन्होंने बताया कि तमिलनाडु दौरे के दौरान एक व्यक्ति ने मुझसे शिकायती लहजे में कहा कि नेशनल मीडिया चौबीसों घंटे दिखा रहा है कि दिल्ली में बारिश से जगह-जगह जलभराव है लेकिन वह यह नहीं दिखा रहा कि कोयम्बटूर में पुलिस की गोली से कुछ लोग मर गये।

नीरज कुमार दुबे ने कहा कि इसलिए राष्ट्र प्रथम की सोच रखते हुए हमें ज्यादा से ज्यादा क्षेत्रीय होना है। उन्होंने कहा कि हमारे लिये अगर दिल्ली में ईडी के छापे खबर हैं तो हमारे लिये कश्मीर के सीमावर्ती गांवों में आजादी के बाद पहली बार पहुँची बिजली भी खबर होनी चाहिए, हमारे लिये मिजोरम का बजट भी महत्वपूर्ण होना चाहिए, सिक्किम में निवेशकों ने 1000 करोड़ रुपए का निवेश करने की इच्छा जताई है यह खबर भी हमें अपने पाठकों और दर्शकों को बतानी चाहिए।

उन्होंने कहा कि बात जब लिपियों और भाषा की हो रही है तो मैं इस समस्या की ओर भी आप सब का ध्यान आकर्षित करना चाहूँगा कि आज लोकल हो चुकी इस दुनिया को अपने इलाके का कंटेंट अपनी भाषा में चाहिए ही चाहिए। लेकिन इसका अभी अभाव है।आप दिल्ली में बैठे नगालैंड के व्यक्ति को कोहिमा की खबरें देना शुरू कीजिये देखिये कोहिमा में बैठे रतलाम के व्यक्ति को अपने इलाके की खबरें भी मिलने लगेंगी। आप बॉम्बे में बैठे उदयपुर के व्यक्ति को उसके इलाके की खबर देना शुरू कीजिए, उदयपुर में बैठे नांदेड़ के व्यक्ति को भी उसके इलाके की खबरें मिलनी शुरू हो जाएंगी।
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