रिपोर्ट :- विकास शर्मा

उत्तराखण्ड :- हरिद्वार में यात्रा सीजन आरंभ होने वाला है यात्रियों की सुविधा हेतु प्रशासन द्वारा गंगा घाटों पर सफाई व्यवस्था चर्चा का विषय बनी हुई है जहां लाखों लोग यात्रा सीजन शुरू होने पर गंगा दर्शन के साथ-साथ चार धाम यात्रा हेतु आते हैं वहीं प्रशासन की उपेक्षा के कारण गंगा घाटों पर गंदगी के अंबार लगें हुए हैं। 

गंगा की सफाई के नाम पर करोड़ों रुपए खर्च करने वाली वर्तमान सरकार व सामाजिक संगठनों को कनखल स्थित सतीघाट व राजघाट पर पसरी गंदगी आईना दिखाने के लिए काफी है। गंदगी का आलम यह है कि घाटों पर चारों ओर गंदगी के ढ़ेर लगे हुए हैं। शिव की नगरी कनखल स्थित सतीघाट वह स्थान है जहां देश-विदेश से लोग अपने मृतक परिजनों के अस्थि अवशेष लेकर यहां गंगा में विसर्जित करने के लिए आते हैं। यहां चारों ओर घाटों पर फैली गंदगी देखकर उनकी आस्था को जहां ठेस पहुंचती है वहीं धर्मनगरी में गंगा स्वच्छता का संदेश में गलत जाता है। सप्ताह के प्रत्येक रविवार को श्री गंगा सभा द्वारा चलाए जा रहे गंगा घाट सफाई अभियान के तहत कनखल सतीघाट पर विगत रविवार को सफाई अभियान चलाया गया, किन्तु गंदगी का आलम घाटों पर जस का तस बना हुआ है।

कनखल निवासी तथागत श्री गंगा सभा के पूर्व महामंत्री राम कुमार मिश्रा के अनुसार सतीघाट सनातन धर्मावलम्बियों की आस्था का विश्व प्रसिद्ध केन्द्र है, जहां प्रतिदिन देश-विदेश से सैंकड़ों की संख्या में मृतकों के परिजन अस्थि प्रवाह के लिए आते हैं। इसके लिए सिंचाई विभाग, नमामि गंगे व अनेक धार्मिक संस्थाओं की उपेक्षा विचारणीय हैं। गंगा घाटों की प्रशासन की उपेक्षा के चलते क्षेत्रवासियों में रोज व्याप्त उन्होंने शीघ्र ही गंगा घाटों की सफाई की मांग की है।
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