◼️ 22 जून को आर्द्रा नक्षत्र में सूर्य का प्रवेश अच्छी वर्षा का आरंभ करेगा



रिपोर्ट :- अजय रावत

गाज़ियाबाद :- खगोल शास्त्र के घटना के अनुसार आजकल सभी ग्रह उदय हो रहे हैं। जो ग्रह सूर्य के आगे हैं अर्थात अगले राशि में हैं उनका उदय शाम को पश्चिम दिशा की ओर लगातार कई दिन देखा जाएगा ।उनमें प्रमुख हैं चन्द्र,मंगल और शुक्र है तीनों ही ग्रह और उपग्रह एक साथ ही दृष्टिगोचर होंगे। जिनको प्रत्यक्ष आंखों से देख सकते हैं।  ये ग्रह एक ही नक्षत्र में ,एक ही राशि पर थोड़ी सी अंशात्मक दूरी पर रहेंगे।
सूर्यास्त से पहले वृष राशि में बुध है, मेष राशि में गुरु और कुंभ राशि में शनि भी उदय है। किंतु वे दिन में सूर्य के प्रकाश में दिखाई नहीं देंगे। कर्क राशि पर चंद्र ,शुक्र व मंगल का मिलन युवाओं के अंदर जोश भरेगा। प्रेम प्रसंग, रोमांस में वृद्धि होगी और यह समय वर्षा के अनुकूल के लिए भी है।
आगामी दिनों में औसत से अच्छी वर्षा होने के पर्याप्त योग बन रहे हैं।

22 जून से सूर्य आर्द्रा नक्षत्र में आकर  मानसूनी वर्षा आरंभ करेंगे

जब सूर्य अश्वनी से मृगशिरा नक्षत्र तक संचरण करते हैं तबभयानक गर्मी पड़ती है । रोहिणी  नक्षत्र में सूर्य लगभग 25 मई के 8जून के आसपास आता है और जिसे नौतपा नौतपा कहा जात हैं। नौतपा में तो प्रचंड गर्मी के कारण जनजीवन व्याकुल हो जाता है। किंतु सूर्य के आर्द्रा नक्षत्र में प्रवेश के साथ ही वर्षा ऋतु का यथा विधि आरंभ हो जाता है। इस वर्ष सूर्य आर्द्रा नक्षत्र में 22 जून को शाम 17: 48 बजे आ जाएंगे इसके पश्चात पुनर्वसु ,पुष्य, पूर्वाफाल्गुनी ,उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में वर्षा के योग बनेंगे। ज्योतिष में इन नक्षत्रों को पुरुष नक्षत्र कहा गया है।। सूर्य जब इन नक्षत्रों में होता है और चंद्रमा स्त्री नक्षत्रों में विचरण करता है तो भारी वर्षा के योग बनते हैं।

स्त्री नक्षत्र इस प्रकार हैं ,उत्तराषाढ़ पूर्वाषाढ़ा,पूर्वाफाल्गुनी ,उत्तराफाल्गुनी धनिष्ठा ,भरणी, विशाखा।
यद्यपि ये परिस्थितियां  अच्छी वर्षा का संकेत कर रहे हैं किंतु जब सूर्य आर्द्रा नक्षत्र में सूर्यास्त से पहले गोचर आरंभ करते हैं तो वर्षा की कमी होती है। क्योंकि सूर्य 22 जून को सूर्यास्त से पहले 5:48 बजे आर्द्रा नक्षत्र में आएंगे इसका शास्त्रीय प्रमाण यह है।

दिवार्द्रां याति चेत भानुर्जलं भक्षणकारका । अर्थात दिन में सूर्य का आर्दा प्रवेश श्रेष्ठ नहीं होता है । दिन में गोचर हुआ आर्द्रा नक्षत्र में सूर्य जल की बूंदों का भक्षण करके वर्षा की कमी करता है। यद्यपि सूर्य आर्द्रा नक्षत्र में प्रवेश करके अच्छी वर्षा का आरंभ करेंगे किंतु बीच-बीच में कहीं ना कहीं मानसून आंखें दिखाएगा अर्थात  वर्षा की कमी हो सकती है।


आचार्य शिव कुमार शर्मा
आध्यात्मिक गुरु एवं ज्योतिषाचार्य
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