रिपोर्ट :- अजय रावत

गाजियाबाद :- भारतीय संस्कृति और गुरु शिष्य परंपरा का प्रतीक गुरु पूर्णिमा पर्व श्री दूधेश्वर नाथ मठ मंदिर में प्राचीन परंपराओं के अनुसार मनाया गया। इसमें साधु-संतों के साथ -साथ भक्तों ने पीठाधीश्वर श्री महंत नारायणगिरी महाराज का पूजन किया और आशीर्वाद प्राप्त किया। महंत नारायणगिरि गुरु पूर्णिमा के अवसर पर सुबह श्रीमहंत महाराज द्वारा प्रातःकाल 5 बजे से ही वेदपीठ के आचार्यों एवं छात्राओं द्वारा मन्त्रोच्चारण के साथ बह्मलीन कैलाशवासी संतो को पुष्प द्वारा समाधि पुजन व गुरु दत्तात्रेय भगवान के चरण पादुका पुजन साथ श्री भगवान दुधेश्वर का अभिषेक किया गया एवं गौमाता पुजन किया गया। इस मौके पर शिष्यों ने श्रीमहन्त नारायणगिरि महाराज को गुरू रूप मे पूजन कर गुरू कि वंदना कर आशीर्वाद प्राप्त किया एवं गुरू शिष्य परम्परा को आगे बढाया, जिसके के लिए सवेरे ही भक्तों का सैलाब उमड पड़ा।

गुरु पूर्णिमा की सुबह से ही मन्दिर परिसर मे भक्तों कि चहल पहल शुरू हो गई। मन्दिर परिसर को पुरे रगं बिरंगी लाईटे एवं गुब्बारे, फूल मालाओ द्धारा सजाया गया। इस अवसर पर महन्त जी द्वारा गुरु कि महता को बताते हुए कहा ने के पर्व पर सभी को सलाह दी कि। गुरू ही भक्तों को सच्चा मार्ग दिखाने मे सक्षम है गुरू का स्थान भगवान से भी बड़ा होता है। जैसे कि बिना बादल बारिश नही होती है वैसे ही बिना गुरू प्रभु से मिलना सम्भव नही है। गुरू के स्थान की व्यास के रूप में माना जाता है हिन्दू धर्म मे पुथ्वी पर वेद व्यास से बडा कोई नही है लेकिन इन कलयुग मे सच्चा गूरू मिलना मुश्किल है लेकिन के बिना ज्ञान की प्राप्ति नही हो सकती है।

 
इस अवसर पर एस आर सुथार ने बताया कि एक विशाल भण्डारे का आयोजन किया गया जिसमे सैकड़ो भक्तों ने प्रसाद ग्रहण किया गया इस मौके पर धर्मपाल गर्ग अध्यक्ष मन्दिर विकास ने भी टेलीविजन पर गुरु पूर्णिमा कि बधाई दी एवं देवी मंदिर के महंत गिरीशान्दगिरि महाराज, महंत साध्वी कैलाश गिरी महाराज हर नंदेश्वर मंदिर, महंत विजयगिरि महाराज, विजय मित्तल अध्यक्ष श्रुंगार सेवा समिति, आचार्य लक्ष्मीकांत, आचार्य  विकास पांडे नित्यानंद, मिश्रीमल दिल्ली आदि सैकड़ों लोगों ने गुरू पूजन मे भाग लिया। 
इसी तरह देवी मंदिर महंत गिरिशा नन्द जी महाराज के यहां भी गुरु पुजन करने के लिए भक्तों कि भीड़ लगी रही।एवं शिव मंदिर पटेल नगर में महंत विजय गिरि जी महाराज ने भी सर्वप्रथम अपने गुरु देव नारायण गिरिजी महाराज कि पुजा अर्चना कर वहीं मंदिर में भक्तों द्वारा मंत्र्त्रेउच्चारण के साथ सभी भक्तों ने माला पगड़ी पटका पहनाकर धुमधाम से मनाई गुरु पूर्णिमा।
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