रिपोर्ट :- अजय रावत

गाज़ियाबाद :- मेरे कार्यालय में कई लोग अपने बालकों की जन्मपत्री में मिलाने के लिए आते रहते हैं। विवाह की सफलता के बारे में भी प्रश्न करते हैं। एक मित्र आए और बोले कि आचार्य जी इन दोनों बच्चों की जन्मपत्री एक बार देख लीजिए ।यद्यपि हमने नेट पर चेक कर ली है। 20 गुण मिल रहे हैं। क्या यह रिश्ता अच्छा रहेगा?
मैंने उन्हें बताया कि यदि आपने नेट पर चैक कर लिया है तो फिर यहां पर आने की आवश्यकता क्यों पड़ी।
मैंने बताया कि लड़की की माता नहीं मान रही थी। उनकी संतुष्टि के लिए आया हूं।
जब से कंप्यूटर पर नेट पर जन्म कुंडली मिलान का प्रचार हुआ है। बहुत से युवा युवती तो खुद ही मिलान करके कह देते हैं कि 18 ,20,25 आदि गुण मिल रहे हैं इसलिए शादी कर लेते हैं। 
क्या कुंडली मिलान में गुण मिलान ही सफल वैवाहिक जीवन की सफलता की गारंटी है ? नहीं ।
मैंने तो ऐसा भी देखा है 32,33 ,35 गुण मिलने के बाद भी विवाह के बाद  या तो अलग हो जाते हैं या जीवन भर कटुता बनी रहती है ऐसा क्यों?
कुंडली मिलान में सबसे अच्छा होता है ग्रहों का बल व शुभ प्रभाव।
कुंडली मिलान में अष्टकूट मिलान होता है। इसमें नाड़ी, भकूट, गण, ग्रहमैत्री, तारा, योनि ,वश्य, वर्ण  8 कूट होते हैं। जिनके आधार पर गुणों का निर्धारण होता है।
आजकल यह गुण मिलान का सॉफ्टवेयर सभी मोबाइल  , कंप्यूटर , नेट पर उपलब्ध है अधिकतर  लड़के लड़कियां अपनी कुंडली स्वयं मिला लेते हैं ।
मेरा अपना विचार है कि गुण चाहे कम हो, लेकिन दोनों की कुंडली में ग्रह अच्छे होनी चाहिए। तो वैवाहिक जीवन में सफलता मिल सकती है। पारिवारिक तालमेल ,सामंजस्य बना रहता है।
*गुण मिलान के अलावा पांच बिन्दु अवश्य देखें।*
विवाह की सफलता के लिए अष्टकूट मिलान के अलावा परस्पर तालमेल ,स्वास्थ्य, यौन संतुष्टि, आर्थिक स्थिति और संतान भाव का विश्लेषण अवश्य करना चाहिए।
कुंडली के जो अष्टकूटों के अलावा इन पर भी विचार ग्रहों के बलाबल के अनुसार होता है ।मात्र गुण मिलान करके शादी करनी नहीं चाहिए।
जन्म कुंडली में सातवां भाव जीवनसाथी का होता है ।सातवें भाव के ग्रह स्वामी और उस भाव पर शुभ ग्रहों का योग ,परस्पर मित्र होने चाहिए गुण चाहे कम भी हो तो वैवाहिक जीवन अच्छा रहता है।
मेरे  एक रिश्तेदार हैं ।उनके बेटे के लिए रिश्ता आया। लड़की वाले काफी संपन्न व समृद्ध थे। मेरे पास जन्म कुंडली मिलान के लिए आए।
 मैंने सरसरी तौर पर ग्रह मिलान देखा तो केवल 5 गुण थे। पहले तो मैंने उनसे मना कर दिया की कुंडली अच्छी नहीं मिल रही है। नाड़ी दोष गण दोष भकूट दोष आदि कई दोष है। लेकिन उन्होंने कहा कि आचार्य जी अब कुंडली मिलान तो बंद कर दीजिए । विवाह की तिथि बता  दीजिए।
 हमें शादी करनी है।
मैंने विवाह की शुभ तिथि बता दी। बाद में मैंने कुंडलियों का अध्ययन किया देखा कि ग्रह बहुत ही बलवान थे।जो सामाजिक ,आर्थिक और भौतिक सुख की ओर इशारा कर रहे थे।
विवाह के पश्चात आज तक लगभग 18 साल हो गए हैं कोई परेशानी नहीं हुई ।दो संतान है परस्पर सामंजस्य तालमेल बना हुआ है।
मेरा यही कहना है कि कुंडली मिलान में कोताही ना बरतें ।मात्र गुणों की अधिकता देख कर के विवाह करना हमेशा शुभ नहीं होता है।
कई बार कुंडली मिलान में लोग मंगली मिलान पर अटक जाते हैं।
लड़का और लड़की में कोई एक मंगली हो और दूसरा जीवनसाथी मंगली न हो। उसके लिए भी मैंने बहुत सारे अभिभावकों को कष्ट उठाते देखा है।
ज्योतिष में मंगली परिहार  के लिए कई सूत्र हैं ।उनका उपयोग करके अभिभावकों को उचित सलाह देनी चाहिए।
कुंडली मिलान में केवल गुण ही नहीं उसके सभी स्थितियों से अवगत कराना, एक सफल ज्योतिषी का कर्तव्य होता है।
एक बात और जो मैंने अनुभव  की है। आज के युवक युवतियों  अच्छी-अच्छी कंपनियों में अच्छे पैकेज पर नौकरी कर रहे हैं। अपने जीवन साथी को ढूंढ ढूंढ के आज उनकी  विवाह की आयु निकल जाती है ।कभी उनके मनपसंद  का कोई साथी नहीं  मिलता है तो उसकी कुंडली मिलान में कोई और दोष निकल आता है ।इसके अलावा भी मैंने कई  कुण्डलियां देखी है। गुण मिलान और ग्रह भी अच्छे हैं  लेकिन परस्पर तालमेल की कमी हो जाती है है ।यह स्थिति बहुत ही भयानक होती है । आज के युवक व युवतियों में तालमेल का अभाव है। अच्छी कुंडली मिलान के बाद भी लंबी आयु में विवाह होना परस्पर ईगो और अहंकार का होना। उन दोनों के बीच टकराव पैदा करता है। जो एक दूसरे की बात सुनने को राजी नहीं रहते ।ऐसे में चाहे कितनी कुंडली मिला लो वह रिश्ता तो टूटना  निश्चित है ।ऐसे मैंने कई केस देखे हैं जो अच्छी कुंडली मिलने के बाद भी शादी के कुछ दिन बाद उनका तलाक हो गया।
 इसलिए कुंडली मिलान के साथ साथ पारस्परिक व्यवहार, विचार और उनके बैकग्राउंड का भी अवश्य पता होना चाहिए।

आचार्य शिव कुमार शर्मा ,आध्यात्मिक गुरु एवं ज्योतिषाचार्य गाजियाबाद
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