◼️ भद्रा काल का अवश्य ध्यान रखें, भद्रा काल में राखी बांधना शुभ नहीं माना जाता है 



सिटी न्यूज़ | हिंदी.....✍🏻

गाजियाबाद :- कथा व्यास पंडित विष्णु दत्त सरस ने कहा कि रक्षाबंधन पर्व को लेकर किसी भी असमंजस में ना पडें। रक्षाबंधन का पर्व 30 अगस्त या 31 अगस्त दोनों ही दिन मनाया जा सकता है, मगर भद्रा काल का ध्यान रखना होगा। पंडित विष्णु दत्त सरस ने कहा कि भद्रा के चलते त्योहार दो तिथियों में बंट गया है। भद्रा काल 30 अगस्त को पूर्णिमा शुरू होते ही लग जाएगा और रात्रि 09 बजकर 2 मिनट तक रहेगा। इसी कारण बहनें इस असमंजस में हैं कि रक्षाबंधन किस दिन मनाएं। 

30 अगस्त को भद्रा काल के खत्म होने पर रात्रि 09 बजकर 2 मिनट के बाद भाईयों को राखी बांधी जा सकती है, मगर बहुत से लोग रात्रि में राखी बांधने को सही नहीं मानते हैं। ऐसे में 31 अगस्त को रक्षाबंधन का पर्व मनाया जा सकता है। पंडित विष्णु दत्त सरस ने बताया कि काशी के विद्वानों के अनुसार पूर्णिमा 31 अगस्त को प्रातः 07 बजकर 45 मिनट तक रहेगी। ऐसे में 31 अगस्त को प्रातः 07 बजकर 45 मिनट तक पूजा कर राखी बांधी जा सकती है।
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