रिपोर्ट :- वेद प्रकाश चौहान

हरिद्वार :- हरिद्वार शहर में बीती रात एक ऐसा मामला प्रकाश में आया जिससे यह कहने में कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी कि आम आदमियों के लिए ही नियम कायदे कानून बनते हैं। दरअसल, जिला मेजिट्रेट की गाड़ी में बीती देर रात दो युवक हूटर बजाते व बेत‌रतीब तरीके से गाड़ी चलाते दिखाई दिए। लेकिन जब स्थानीय निवासियों द्वारा युवकों को पकड़कर नगर कोतवाली ले जाया गया, तो चर्चा यह हो रही है कि स्वयं पुलिस का एक आला अफसर ही मामला दबाने कोतवाली पहुंच गया जिससे कई सवाल खड़े हो गए हैं। वहीं, सोशल मीडिया पर वायरल हो रही संबंधित वीडियो में साफ जाहिर हो रहा है कि आखिर किस प्रकार से दोनों युवकों का जिला मजिस्ट्रेट की नेम प्लेट लगी गाड़ी हूटर के साथ दौड़ाई गई और इस घटना में स्थानीय निवासी बाल- बाल बचे। 

स्थानीयों द्वारा सूझ-बूझ दिखाने व रोकने पर दोनों युवक रोब दिखाते नजर आए। हालांकि वीडियो में स्थानिय निवासियों ने दोनों युवकों पर शराब पीकर गाड़ी चलाने का भी आरोप लगाया है। मामला बीती देर रात भीम गोड्डा रोड के पास का बताया गया है। मिली जानकारी के मुताबिक दोनों युवकों को स्थानियो ने रोक कर समझाया, लेकिन अपनी अकड़ के चलते दोनों युवकों ने किसी की नहीं सुनी इतने में मामला नगर कोतवाली पहुंचा जहां जाते ही जिला मेजिस्ट्रेट की नेम प्लेट गाड़ी से हटा दी गई। जबकि स्थानिय युवकों का कोतवाली के बाहर जमावड़ा देखने को मिला और हंगामा भी काटा गया। स्थानियो का कहना था कि दोनों युवक शराब के नशे में हूटर बजाते सरकारी गाड़ी दौड़ा रहे थे। लेकिन मामला दबा इसलिए दिया गया क्योंकि मामला प्रशासन से जुड़ा था। दोनों युवकों पर कोई कार्यवाही तो दूर की बात नगर पुलिस क्षेत्र के संबंधित अधिकारी भी मीडिया को इस बारे में जबाब देने में कतराते रहे या यूं कहें कि मुह छुपाते नजर आए। ऐसे में अपने आप में बड़ा सवाल है कि उत्तराखंड पुलिस आए दिन वारदातों को अंजाम देने वाले आरोपियों को पकड़कर उन्हें जेल भेज रही है, लेकिन उन्हें प्रशासन की गाड़ी के सामने नमस्तक हो कर मामले पर पर्दा डालना पड़ा। 

जाहिर सी बात है आम आदमी को ऐसी गलती करना काफी भारी पड़ता, जिसमे पुलिस द्वारा नियम कानून के तहत इस तरह के अपराध करने वाले पर कार्यवाही अमल में लाई जाती है। वैसे अक्सर देखा जा रहा है कि हरिद्वार जिले के पुलिस कप्तान अजय सिंह अपराधियो को चेतावनी देते नजर आते हैं कि किसी भी कीमत पर अपराध करने वालो को बख्शा नहीं जाएगा। लेकिन इस मामले ने पुलिस प्रशासन की पोल खोल कर रख दी है। बहरहाल पुलिस द्वारा सरकारी गाड़ी में देर रात हूटर बजा रहे युवकों को बिना कोई कार्यवाही किए कैसे छोड़ दिया जो एक बड़ा सवाल बना हुआ है।
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