रिपोर्ट :- विकास शर्मा
हरिद्वार :- तीर्थ नगरी हरिद्वार में 20 दिनों में गंगा बंदी के दौरान सिंचाई विभाग द्वारा गंगा की सफाई का कार्य मात्र कागजी खाना पूर्ति तक सीमित रह गया है। गंगा बंदी के दौरान अब तक सिंचाई विभाग का किया कार्य कहीं भी नजर नहीं आ रहा। गंगा नहर के दोनों तरफ किनारे पर गंदगी के अंबार लगे हुए हैं।
हरिद्वार मे अंग्रेजी शासन काल से दशहरे पर्व की मध्य रात्रि से गंगा नहर को घाटो व तटो की मरम्मत तथा गंगा की सफाई हेतु 20 दिनों के लिए छोटी दीपावली पर्व तक के लिए बंद किया जाता है। मात्र एक दिन शेष रहने पर गंगा की सफाई का सिंचाई विभाग द्वारा किया गया कार्य कहीं भी नजर नहीं आता। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा गंगा सफाई हेतु दिए गए करोड़ों रुपए का बजट गंगा की सफाई व मरम्मत के नाम पर सिंचाई विभाग द्वारा मात्र कागजों में ही सिमट का रह गया है।
जिसका विरोध समाज के कई संगठनों तथा सामाजिक नेताओं द्वारा किया गया जा चुका है। गंगा बंदी के दौरान गंग नहर के भीतर लगे कूड़े के अंबार बाहर से आने वाले तीर्थ यात्रियों की धार्मिक भावनाओं को आहत करते हैं। नगर के कई सामाजिक संगठनों ने सिंचाई विभाग द्वारा गंगा बंदी के नाम पर किए गए बजट के खर्च की जांच सीबीआई से करने की मांग की है।