◼️श्रीमहंत नारायण गिरि जैसे संत का गाजियाबाद में होना हम सभी के लिए गर्व की बात है: नरेंद्र कश्यप
◼️श्रीमहंत नारायण गिरि ने राम जन्मभूमि आंदोलन में अहम भूमिका निभाई
◼️22 जनवरी के दिन को दीपावली की तरह यादगार बनाना है, अपने घरों को दीयों से सजाना हैः श्रीमहंत नारायण गिरि
रिपोर्ट :- अजय रावत
गाजियाबाद :- राम जन्म भूमि आंदोलन में अहम भूमिका निभाने वाले श्री दूधेश्वर पीठाधीश्वर, श्री पंच दशनाम जूना अखाडा के अंतरराष्ट्रीय प्रवक्ता, दिल्ली संत महामंडल के राष्ट्रीय अध्यक्ष व हिंदू यूनाइटिड फ्रंट के अध्यक्ष श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज को अयोध्या में 22 जनवरी को राम मंदिर में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने का निमंत्रण मिला है। गाजियाबाद में 3 लोगों को ही यह निमंत्रण मिला है, जिनमें महाराजश्री प्रमुख हैं। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह का विशेष आमंत्रण मिलने पर प्रदेश के राज्यमंत्री नरेंद्र कुमार कश्यप ने सोमवार को श्री दूधेश्वर नाथ मठ महादेव मंदिर जाकर श्रीमहंत नारायण गिरि को बधाई दी।
नरेंद्र कुमार कश्यप ने मंदिर में पूजा-अर्चना की व भगवान दूधेश्वर का अभिषेक किया। आचार्य त्यारोज उपाध्याय, सामवेद के आचार्य रोहित त्रिपाठी, आचार्य नित्यानंद व अतुल शर्मा ने राज्यमंत्री नरेंद्र कुमार कश्यप को भगवान का अभिषेक कराया। इसके बाद उन्होंने श्रीमहंत नारायण गिरि से मुलाकात कर उन्हें रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह का विशेष आमंत्रण मिलने पर बधाई दी। नरेंद्र कुमार कश्यप ने कहा कि श्रीमहंत नारायण गिरि जैसा संत होना सभी गाजियाबाद वासियों के लिए गर्व की बात है। वे 45 वर्ष से राम जन्मभूमि आंदोलन से जुडे हैं और आंदोलन में उनकी अहम भूमिका है। वे हिंदू महासभा के प्रदेश अध्यक्ष, केंद्रीय मागदर्शक मंडल के सदस्य व भारत साधु समाज के मंत्री रहे हैं।
वर्तमान में वे श्री दूधेश्वर पीठाधीश्वर होने के साथ श्री पंच दशनाम जूना अखाडा के अंतरराष्ट्रीय प्रवक्ता, दिल्ली संत महामंडल के राष्ट्रीय अध्यक्ष व हिंदू यूनाइटिड फ्रंट के अध्यक्ष हैं। उन जैसे संतों ने जो संघर्ष किया, उसके चलते ही हम सभी राम भक्तों व सनातनियों का 500 वर्ष का सपना 22 जनवरी को पूरा हो जाएगा और भगवान राम अयोध्या में भव्य राम मंदिर में विराजमान हो जाएंगे। राज्यमंत्री नरेंद्र कुमार कश्यप ने महाराजश्री को प्रदेश सरकार व अपनी ओर से मंदिर के सौंदर्यकरण कराने का आश्वासन भी दिया। उन्होंने कतार में खडे रहने वाले भक्तों को धूप, बरसात आदि से बचाने के लिए लेंटर डलवाया जाएगा। साथ मंदिर के द्वार को भव्यता प्रदान की जाएगी।
श्रीमहंत नारायण गिरि ने बताया कि वे वर्ष 1980 से ही राम मंदिर आंदोलन से जुडे हैं। दिल्ली, वृंदावन आदि स्थानों पर राम मंदिर को लेकर जो सभाएं, सम्मेलन हुए, उनके मंचों पर वे मौजूद रहे। राम मंदिर आंदोलन को जन-जन तक पहुंचाने वाले अशोक सिंघल से लेकर देवराहा बाबा, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गुरू महंत अवैद्यनाथ आदि के साथ उन्होंने राम जन्मभूमि आंदोलन में भाग लिया। राम भक्तों का संघर्ष व बलिदान रंग लाया और अनन्त कोटि ब्रह्माण्ड नायक व हम सबके आराध्य भगवान राम 22 जनवरी को अपने भव्य राम मंदिर में विराजमान होने जा रहे हैं। इस दिन को हमें दीपावली पर्व की तरह ही हमेशा के लिए यादगार बनाना है और अपने घरों को दीयों से सजाना है।