रिपोर्ट :- विकास शर्मा

हरिद्वार :- गंगा की पावन नगरी हरिद्वार में श्रवण नाथ नगर स्थित बाबा टहल दास भवन का 14 व 15 मई को 36 वां दो दिवसीय वार्षिक स्थापना दिवस बड़े हर्षोल्लास के साथ संपन्न हुआ। जिसमें विभिन्न राज्यों से आए भक्तजनों ने भाग लिया। दो दिवसीय बाबा टहल दास के स्थापना दिवस पर वैदिक मंत्रोचार के साथ हवन व गुरुओ की पूजा कर आशीर्वाद प्राप्त शुभारंभ किया गया। इस अवसर पर ट्रस्ट के पदाधिकारियों ने श्री गुरु मंडल आश्रम के परमाध्यक्ष महामंडलेश्वर स्वामी श्री भगवत स्वरूप जी महाराज तथा श्रीधाम आश्रम के महामंडलेश्वर शिवानंद जी महाराज व अन्य संतों का फूल मालाओं के साथ स्वागत किया। 

                                                                 
बाबा टहल दास भवन में भक्तों को संबोधित करते हुए स्वामी भगवत स्वरूप जी महाराज ने कहा संतजन मनुष्यों का अपने ज्ञान और भक्ति द्वारा परमात्मा को जानने का मार्ग प्रशस्त करते हैं। गुरु का स्थान संसार में सबसे ऊंचा है। गुरु ही ज्ञान देकर मनुष्यों का जीवन सार्थक बनाते हैं। बाबा टहल दास ट्रस्ट के सेवकों ने गुरु शिष्य परंपरा का निर्वाह करते हुए इस परंपरा को जारी रखा है। गुरु शिष्य परंपरा का निर्वाह करते हुए डॉ अमरदास तथा विश्वनाथ विनायक व ज्ञानचंद कत्याल के अथक प्रयास द्वारा हरिद्वार व वृंदावन में अपने गुरुजनो के स्थान को स्थापित किया। उन्हीं का अनुसरण करते हुए उनके अनुयाई इस गुरु शिष्य परंपरा का निर्वाह करते चले आ रहे हैं। 

इस अवसर पर मंच का संचालन करते हुए ट्रस्ट के सेक्रेटरी जनरल अविनाश विनायक कहा हमें अपना जीवन गुरुओं के बताए हुए रास्ते पर चलकर अपने जीवन को सार्थक बनाना चाहिए । हमारे गुरुओ को सच्ची श्रद्धांजलि यही होगी कि हम उनके बताए हुए मार्ग पर चलें और उनका अनुसरण करें। स्थापना दिवस अवसर पर भवन में आज प्रातः हवन के उपरांत रामायण भोग के बाद प्रसाद वितरण वह भंडारे का आयोजन किया गया। भवन मंदिर पुजारी पंडित राकेश उपाध्याय द्वारा हवन व रामायण पाठ पूर्ण वैदिक रीति के साथ संपन्न कराया गया। समापन अवसर पर प्रधान साकेत आहूजा सेक्रेटरी जनरल अविनाश विनायक एडिटर जगदीश आहूजा ने भवन में आए श्रद्धालुगणों का आभार व्यक्त कर धन्यवाद दिया।
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