◼️इंग्लैंड, केन्या, सिंगापुर, क़तर में भी कर चुके हैं भारत का नाम ऊँचा



सिटी न्यूज़ | हिंदी.....✍🏻

गाजियाबाद :- बहरीन में हुए इंटरनेशनल मुशायरे में गाजियाबाद निवासी विश्व प्रसिद्ध शायर विजेंद्र सिंह परवाज ने शानदार शायरी पढ़ कर भारत के झंडे गाड़ दिए। 
मूलतः मेरठ के निवासी 81 वर्षीय वरिष्ठ शायर विजेंद्र सिंह परवाज़ पिछले कुछ वर्षों से गाजियाबाद में ही रह रहे हैं। 

अंजुमन ए फरोग ए उर्दू अरब की तरफ से इक़बाल अजीम की याद में होटल गोल्डन तुलिप, मनामा, बहरीन में हुए इंटरनेशनल मुशायरे में भारत, क़तर, पाकिस्तान, जर्मनी, कनाडा और इंग्लैंड के 11 शायरों विजेंद्र सिंह परवाज़, सैमा जैदी, वसी शाह, नुसरत सिद्दीकी, अहमद आदिल, अफजल खान, अजीज नबील, अंबर आबिद, ताहिर अजीम, मुख्तार आदिल और ओबैद ताहिर (संचालक) 
ने कलाम पढ़े। मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित भारत के विजेंद्र सिंह परवाज़ की शायरी पर श्रोताओं ने बार बार खड़े होकर दाद दी। परवाज़ के ये शेर खासतौर पर पसंद किए गए-

एक क़िस्मत के धनी ने उसकी आँखें चूम लीं 
मेरे   हिस्से  में  इशारे   ही   इशारे   रह  गए 
कोई आशिक़, कोई शौहर, वाह री मजबूरियाँ 
जिस्म  शादी के हुए हैं,  दिल कुँआरे रह गए 
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लब पै बात आई जो दीवाने के गहराई लिए  
इक तरफ़  बैठे रहे सब  अपनी दानाई लिए 
दोपहर तक बिक गया बाज़ार में एक-एक झूट 
शाम तक बैठे रहे हम अपनी सच्चाई लिए
खोल कर बालों को अपने, मुस्कुरा कर, छत पै आ 
इक ज़माना हो गया मौसम को अंगड़ाई लिये 
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परीशां ये अदा उसकी मुझे दिन-रात करती है 
लबों पर उँगलियाँ रखकर, नज़र से बात करती है
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जब अमीरी में मुझे गुरबत के दिन याद आ गए 
कार में बैठा हुआ पैदल सफर करता रहा
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ये जिंदगी भी कैसे बहाने में कट गई 
जैसा नहीं हूं वैसा दिखाने में कट गई
बर्दाश्त किससे होती हैं खुद्दारियां यहां 
गर्दन हमारी सर को उठाने में कट गई 
अपनी हदों में रहकर बहलना ही ठीक था 
मेरी पतंग ऊंचा उड़ाने में कट गई 
ये भी कोई मिलन है लगे इस मिलन को आग
आधी से ज्यादा रात मनाने में कट गई।

उल्लेखनीय है कि गाजियाबाद के काव्य प्रेमियों ने परवाज़ साहब के 81वें जन्मदिन के अवसर पर 30 मार्च, 2024 को गोविंदपुरम के ग्रीनफील्ड पब्लिक स्कूल में उनका नागरिक अभिनंदन और कवि सम्मेलन का आयोजन भी किया था। उस कार्यक्रम से पूर्व भी गाजियाबाद, मेरठ, हरिद्वार सहित कई शहरों में "एक शाम विजेंद्र सिंह परवाज़ के नाम" कार्यक्रम आयोजित हो चुके हैं। इंग्लैंड, केन्या, साउथ अफ्रीका, दुबई, काठमांडू, सिंगापुर, क़तर आदि देशों में भी विजेंद्र सिंह परवाज़ अपनी शायरी के माध्यम से गाजियाबाद और भारत का नाम ऊंचा कर चुके हैं।
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