रिपोर्ट :- विकास शर्मा

हरिद्वार :- देश के जाने-माने संत पंचदश नाम जूना अखाड़े के वरिष्ठ महामंडलेश्वर महायोगी पायलट बाबा का आज मुंबई के एक अस्पताल में निधन हो गया है। वह किडनी की बीमारी से ग्रस्त थे। जिससे जूना अखाड़े सहित समस्त संत समाज व अखाड़े में शोक की लहर व्याप्त है। जूना अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक श्री महंत हरी गिरी महाराज के निर्देश पर जूना अखाड़े की पूरे प्रदेश में स्थित सभी शाखाओं, आश्रमों और मुख्य पीठों पर शोक सभा व शांति पाठ का आयोजन किया जा रहा है। जूना अखाड़े द्वारा तीन दिन का शोक घोषित किया गया है। इन तीन दिनों में पायलट बाबा की आत्मा की शांति के लिए शांति पाठ हवन तथा विशेष पूजा अर्चना की जाएगी।

प्रसिद्ध संत पायलट बाबा ने पाकिस्तान के खिलाफ जंग में फाइटर जेट की कमान संभाली थी। जिसके बाद उनको पायलट बाबा के रूप में पहचान मिली थी। वे लंबे समय से बीमारी से जूझ रहे थे। वे देश के जाने माने संत थे। उन्हें हरिद्वार में समाधि दी जाएगी। वे भारतीय वायुसेना में विंग कमांडर की भूमिका निभा चुके थे। पाकिस्तान के खिलाफ 1965 और 1971 की जंग में उन्होंने जेट की कमान संभाली थी। जिसकी वजह से दुश्मन को भारी नुकसान उठाना पड़ा था। 1962 की जंग में भी उन्होंने चीन के खिलाफ अग्रिम मोर्चे पर काम किया। वे 1957 में भारतीय वायुसेना में भर्ती हुए थे। 

उनका जन्म बिहार के रोहतास जिले में हुआ था। उनका नाम कपिल सिंह था, जिनको बाद में पायलट बाबा के तौर पर प्रसिद्धि मिली थी। जूना अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक श्री महंत हरी गिरी महाराज ने श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि देश ने एक महान संत खो दिया है। पायलट बाबा एक सच्चे देशभक्ति व एक महान संत थे। उनकी मृत्यु से समूचे देश के संत समाज में शोक की लहर दौड़ गई है। महान संत पायलट बाबा को हरिद्वार में समाधि दी जाएगी।
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