रिपोर्ट :- अजय रावत
आगरा :- महाराष्ट्र समाज, आगरा द्वारा होटल ग्रैंड में आयोजित तीन दिवसीय गणेशोत्सव में ,दूसरे दिन भारतीय जन नाट्य संघ (इप्टा), आगरा ने रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुतियां देकर दर्शकों का मन मोह लिया।
कार्यक्रम के आरंभ में मुख्य अतिथि अरुण डंग, डॉक्टर ज्योत्सना रघुवंशी व दिलीप रघुवंशी का माल्यार्पण कर स्वागत किया गया। सांस्कृतिक कार्यक्रम का आरंभ समूह गीत के रूप में राजेंद्र रघुवंशी रचित गणेश वंदना "हे शुभ वंदन, गौरी नंदन, शत शत करें प्रणाम तुझे" प्रस्तुत किया गया जिससे पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया। सूर्यदेव ने राजेंद्र रघुवंशी रचित गीत "मलनिया कर सोलह श्रृंगार" से समां बांध दिया तो वहीं परमानंद शर्मा द्वारा प्रस्तुत एकल गीत "का करूं सजनी, आए न बालम" ने दर्शकों का मन मोह लिया।
नृत्यों की श्रंखला में मराठी शास्त्रीय नृत्य हिमाद्रि हांडियकर ने प्रस्तुत कर दर्शकों को भाव विभोर कर दिया तो वहीं "ए री सखी मंगल गाओ री" पर ततहीर चौहान ने प्रस्तुति दे कर तालियां बटोरीं। नाट्य पितामह राजेंद्र रघुवंशी लिखित व दिलीप रघुवंशी द्वारा निर्देशित पत्रकारों की दशा और विवशता को दर्शाता हुआ नाटक "मैं भी कैसा पत्रकार हूं" की दमदार प्रस्तुति हुई जिसमें सभी कलाकारों ने अपने निभाए पात्रों के साथ पूरा न्याय किया और दर्शकों की सराहना पाई।
नाटक में अभिनय करने वाले कलाकार रहे असलम खान, जय कुमार, मुक्ति किंकर, सूरज सिंह, सिद्धार्थ रघुवंशी, संजय सिंह, शकील चौहान, दिलीप रघुवंशी, ततहीर चौहान, बृजेश श्रीवास्तव, कुमकुम रघुवंशी, सूर्यदेव व अलिश्बा चौहान।
एक और एकल गीत "छाप तिलक सब छीनी रे मो से नैना मिलाए के" को सूर्यदेव ने बहुत ही मोहक अंदाज़ में प्रस्तुत किया और अंत में गोपाल दास नीरज की रचना "इसीलिए तो नगर नगर बदनाम हो गए मेरे आंसू" पर परमानंद शर्मा की अगुआई में समूह गीत पेश किया गया।
पूरे सांस्कृतिक कार्यक्रम को इप्टा के महासचिव दिलीप रघुवंशी के कुशल निर्देशन में प्रस्तुत किया गया व प्रबंधन कुमकुम रघुवंशी और अर्चना सारस्वत का रहा। सिद्धार्थ चितले ने काव्य पाठ किया। कार्यक्रम के कुशल संचालन का दायित्व यशस्विनी सोवनी संभाला। महाराष्ट्र समाज आगरा की ओर से समाज के पदाधिकारी गण अभय पोताड़े, नितिन सोवनी व निरंजन पराड़कर का भरपूर सहयोग रहा। शहर के गणमान्य नागरिक नितिन सोवनी, दिवाकर मोखरीवाले, राजेंद्र दातार, अशोक करमरकर, डॉ चिवटे चितले, नम्रता पराड़कर, सुनीता, अंजलि करमरकर, मृणाली चितले, विकास पंडित, प्रभाकर शेंडेकर, व प्रेमा डंग, मिलिंद हांडियाकर, आरती मुख्य रूप से उपस्थित रहे।