रिपोर्ट :- सिटी न्यूज़ हिंदी
गाजियाबाद :-
देश को कुछ महत्वपूर्ण उत्पादों और क्षेत्रों में आत्मनिर्भर होने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए यह बात तय है अगर अर्थव्यवस्था पटरी पर आ जाए तो आगे का सफर आसान होता चला जाएगा आत्मनिर्भर बनना एक नारा नहीं जिम्मेदारी है
अध्यात्मिक एवं सामाजिक विचारक सरदार मंजीत सिंह ने जानकारी देते हुए बताया है हमें लोगों का जीवन बचाना है और अर्थव्यवस्था को भी संभालना है दुनिया हमारी तरफ देख रही है देश में ऐसे प्रोडक्ट बने जो मेड इन इंडिया हो मगर उसकी डिमांड विदेशों में भी हो उक्त विचार प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने देश को आत्मनिर्भर बनाने की पहल में सीआईआई के 125 साल पूरे होने के मौके पर कार्यक्रम में कहा देश विकास कि अपनी गति पा लेगा ऐसा विश्वास जताया उद्योग संगठन देश को आत्मनिर्भर बनाने में कदम बढ़ाए प्रधानमंत्री जी ने ऐसे समय आत्मनिर्भर बनाने की बात कही है जबकि पूरे देश की अर्थव्यवस्था चौपट हो चुकी है यह बात तो तय है अगर अर्थव्यवस्था पटरी पर आ जाए तो आगे का सफर आसान होता चला जाएगा मगर अब यह अर्थव्यवस्था पटरी पर लाना इतना आसान भी नहीं है सारा देश 60 दिन लॉक डाउन मैं रहा अब अनलॉक में चल रहा है अर्थव्यवस्था एकदम चौपट हो चुकी कारोबार बंद उद्योग बंद कल कारखाने बंद होने की वजह से बेरोजगारी बढ़ी है जो लोग लॉक डाउन से पहले छोटा या बड़ा कारोबार करते थे अभी बेरोजगार की जिंदगी जी रहे हैं आमदनी का जरिया बंद हो चुका है दोबारा जिंदगी पटरी पर लाने के लिए काफी समय लग सकता है और जब तक आम आदमी की जिंदगी पटरी पर ना आ जाए उद्योग धंधे चालू ना हो जाए लोगों को रोजगार मिलने लगे तब तक हम आत्मनिर्भर नहीं बन सकते आत्मनिर्भर बनना एक नारा नहीं जिम्मेदारी है गांव में रोजगार बढ़े किसानों को ज्यादा सुविधा मिले सीआईआई का कथन मार्केट में डिमांड बढ़ी तो अनुमानों से ज्यादा हो सकती है ग्रोथ इंडस्ट्री चैंबर्स का कहना है उद्योग जगत इकनोमिक ग्रोथ बढ़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ेगा साथ में रोजगार बढ़ाने के प्रयास किए जाएंगे वहीं दूसरी तरफ देश के एक उद्योग पति राजीव बजाज का कहना है लॉक डाउन में हमारी इकोनामी तबाह हो चुकी है लॉक डाउन के बाद भी बीमारी रुकी नहीं बलिक हमारी अर्थव्यवस्था बिल्कुल गिर गयी
उन्होंने इस दिशा में मजबूत पहल शुरू हो अब तक क्यों नहीं सोचा गया इस पर एतराज जताया वही एक तरफ कुछ उद्योग बंद होने की खबरें आ रही हैं एटलस साइकिल कंपनी का बंद होना दुर्भाग्यपूर्ण है हजारों मजदूर बेरोजगार हो गए ना जाने और कितनी ऐसी कंपनियां हैं धीरे-धीरे सामने आ जाएंगी सरकार को अब धरती पर आकर काम करना होगा सिर्फ कह देने से देश आत्मनिर्भर नहीं बनेगा आत्मनिर्भर बनेगा धरती पर उतरने के बाद देश के जितने भी अर्थशास्त्री हैं उनकी बड़ी मीटिंग बुलाई जाए उनसे राय लेनी चाहिए सरकार चाहे तो पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह जी भी एक अर्थशास्त्री भी हैं उनसे भी राय ली जा सकती है बात देश की है और देश को आगे बढ़ाना है यह बात तो तय है अगर देश की 130 करोड़ जनता तय कर ले कि देश आत्मनिर्भर बनाना है तो मुश्किल भी नहीं तो यह प्रयास सफल भी हो सकता है भारत बड़ा मुल्क है दुनिया के चंद विकासशील देशों में भारत का नाम आता है हर कोई मुल्क हमारे देश से दोस्ती करना चाहता है अब बस देरी है कि हम अपने उत्पादों को उनके सामने रखें देश में बनने वाले सामान की क्वालिटी इतनी अच्छी हो कि दूसरे देशों मैं मांग हो देश मैं नए नए अविष्कार करने चाहिए कुछ ऐसी चीजें बाजार में आए जिनकी डिमांड बढ़ने से हम आगे बढ़ेंगे दूसरे मुल्कों से मांग आने पर हमारा देश आत्मनिर्भर बनेगा भले ही अभी बाजार में मंदी का दौर है मगर इस बात पर ज्यादा वक्त बर्बाद ना कर और आगे बढ़ने के लिए डिमांड के लिए रास्ते सोचने होंगे जब डिमांड बढ़ेगी तो उत्पादन भी बढ़ेगा उत्पादन बढ़ने से नई-नई उपलब्धियां भी सामने आएंगी अब देश लॉक डाउन में नहीं अनलॉक में है कुछ करने की भावना हो तथा मंजिल तक पहुंचने की चाहत हो तो हम अवश्य कामयाब होंगे मुश्किल जरूर है मगर नामुमकिन नहीं ऐसे में उद्योग जगत की अहम भूमिका होगी जो उसे जिम्मेदारी से निभानी चाहिए सरकार कम रेट पर लोन उपलब्ध कराएं हर जरूरतमंद को लोन मिले देखा यह जाता है जिसकी ऊपर अप्रोच होती है उसी को लोन मिलता है जरूरतमंद को नहीं लॉक डाउन के दौरान ज्यादातर मजदूर गांव चले गए मैं उनको वापस लाने में समय लगेगा गांव में ही रोजगार बढ़ाए जाएं दूसरी तरफ सरकार ने 20 लाख करोड़ रुपए का राहत पैकेज को अब धरती पर लाना होगा | सरकार ने हर योजना के लिए अलग-अलग फंड रखा है जरूरतमंद व्यापारी उद्योगपति को कारोबारी को जरूरत के हिसाब से लोन मिले जिस उद्योग या कारोबार के लिए ज्यादा रुपया रखा गया है उसका प्रचार भी जायदा होना चाहिए उसकी तरफ जनता ध्यान दें और उद्योग लगाने की पहल करें तभी देश आगे बढ़ेगा 20 लाख करोड़ रुपए का राहत पैकेज को अब धरती पर उतारने का वक्त आ गया है हर इंसान देश के लिए सोचे तभी हम उम्मीद कर सकते हैं कि देश आत्मनिर्भर बन जाएगा इस आर्टिकल का दूसरा भाग जल्द आपके बीच में आएगा