सिटी न्यूज़ हिंदी


गाजियाबाद :-
        गुरु पूर्णिमा आप मनाएं, न मनाएं, लेकिन यह जान लीजिए कि गुरु पूर्णिमा ऐतिहासिक भी है और पौराणिक भी। यह कहना है अध्यापिका स्वेता रावत का 

अगली कुछ लाइनों के जरिए आपको इसी एहसास से गुजारने की कोशिश करती हूं...

...तो बात शुरू करते हैं आदि गुरु भगवान शिव से। कोई 15 हजार साल पहले गुरु पूर्णिमा के दिन ही भगवान शिव ने सप्तर्षियों को शिष्य बनाया और यौगिक विज्ञान समझाया। मौसम बीते, साल गुजरे, सदियां बीतीं और वही यौगिक विज्ञान आज का योग बन गया। इसी तरह 2500 साल पहले गुरु पूर्णिमा के दिन ही भगवान बुद्ध ने अपना पहला उपदेश पांच शिष्यों को दिया। यह धर्मचक्र प्रवर्तन कहलाया। जैन धर्म में भी यह दिन खास है। गुरु पूर्णिमा के दिन ही भगवान महावीर ने पहला शिष्य बनाया और सत्य, अहिंसा का उपदेश दिया। इसी दिन महर्षि वेदव्यास जन्मे। वही वेद व्यास, जिन्होंने वेदों को चार हिस्सों में बांटा, महाभारत लिखी, 18 पुराणों की रचना की।
Previous Post Next Post