रिपोर्ट :- सिटी न्यूज़ हिंदी


गाजियाबाद :-
     एडवोकेट कविता रावत ने कहा कि हर बीमारी को कोरोना से जोडना ठीक नहीं है। इससे लोगों में भय फैलता है। इस समय लोगों में भय नहीं बल्कि उत्साह जगाकर ही कोरोना के खिलाफ चल रही जंग में विजय प्राप्त की जा सकती है। कविता रावत ने कहा कि इन दिनों किसी को कोई बीमारी होती है तो उसे कोरोना से जोड दिया जाता है। यह मौसम वायरल बुखार का भी है। ऐसे में किसी को वायरल बुखार होता है तो यह कहकर इलाज करने से मना कर दिया जाता है कि पहले कोरोना टेस्ट कराओ। यही हाल अन्य बीमारियों का भी है। कोरोना का एक भी लक्षण ना होने के बाद भी जब कोरोना टेस्ट कराया जाता है तो मरीज खुद को कोरोना पीडित ही समझने लगता है। इससे लोगों में भय पैदा हो रहा है। कोरोना का कोई लक्षण ना होने पर भी मरीज का इलाज करने से मना करना ठीक नहीं है। यह चिकित्सा के नियमों के खिलाफ भी है। डॉक्टरों को लोगों में भय पैदा करने की बजाय उनका इलाज करना चाहिए। कोरोना के लक्षण दिखने पर ही कोरोना का टेस्ट कराना चाहिए। जब मानसून आता तब  मौसम में बदलाव हो जाता है जिस कारण लोगो को बुखार,खाँसी व जुक़ाम की शिकायत हो जाती है
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