रिपोर्ट :- सिटी न्यूज़ हिंदी


गाजियाबाद :-
         रालोद के राष्ट्रीय प्रवक्ता सरदार इंदरजीत सिंह टीटू ने बताया कि आज सुबह जानकारी मिली की साहिबाबाद विधानसभा क्षेत्र में सरकारी हॉस्पिटल बनाने के लिए जो महिम पिछले कई वर्षों से चल रही है जबकि यह काम कई वर्ष पहले हो जाना चाहिए था सबसे बड़ी विधानसभा है  हर तरीके का समाज इस विधानसभा में रहता है नौ लाख से ज्यादा वोटर है इस विधानसभा में यहां पर जितना जल्द हो सके हॉस्पिटल का काम चालू होना चाहिए राष्ट्रीय लोक दल इस महीने में हर तरीके से साथ खड़ी है और इस निर्णय का स्वागत करती है
       बहुत ही दुख का विषय है  जैसे मुझे जानकारी मिली है  जानकारी मिलने  के बाद मन बहुत ही दुखी है की 
    हमारे द्वारा यानी व्यापारियों द्वारा मध्यम वर्ग नौकरी पैसे वाले  परिवारों के द्वारा दिए गए टैक्स से सरकारें चलती है और इन सबके लिए हॉस्पिटल बनाने के लिए करोड़ों रुपए जमीन की कीमत मांगी जाती है इससे ज्यादा दुर्भाग्य नहीं हो सकता --जमीन चाहे वह किसी भी सरकारी संस्थान की हो हमेशा से वर्षों से ऐसा देखा गया है की( भू माफिया  ऐसी जमीनों पर नजर रहती है कि जो एकांत मैं पड़ी है जिस पर कोई गतिविधि नहीं हो रही )--भूमाफिया उस पर अपना कब्जा करने का काम करते हैं और वर्षों लग जाते हैं मुकदमे लड़ते-लड़ते और वह जगह खाली नहीं हो पाती ना तो भूमाफिया उस पर कुछ किसी प्रकार की गतिविधि कर पाता है और ना संस्थाएं अपना कब्जा ले पाती है और  सालों साल गुजर जाते हैं 
   जबकि सरकारों का सबसे पहला मिशन होना चाहिए  चाहे वह केंद्र की सरकार हो चाहे किसी भी प्रदेश की सरकार हो( शिक्षा और स्वास्थ्य )-- हमसे विदेशी लोग क्यों आगे निकल जाते हैं  उसकी वजह है कि वहां पर(  शिक्षा के लिए और स्वास्थ्य के लिए जनता को तंग नहीं किया जाता है )--हर छोटे बड़े अमीर गरीब नौकरी पेशा  प्रत्येक  व्यक्ति को एक ही निगाह से शिक्षा की व्यवस्था की जाती है और स्वास्थ्य की व्यवस्था की जाती है और हम बाकी जगह विदेशों का जिक्र करके अपने आप को उनके बराबर लाने का प्रयास करते हैं
    सरकारी हॉस्पिटल के लिए तलाशी जा रही जमीन को उसी रेट पर दिया जाना चाहिए जिस रेट पर (कभी किसान से  जगह खरीदी गई थी )-किसान से कम कीमत में जगा लेकर( बिल्डरों को बेची जाती है )--और संस्थाएं करोड़ों अरबों रुपए  कमा लेती है  अगर एक ऐसी एक जमीन पर संस्थाएं अगर अपना प्रॉफिट नहीं कमाएंगे तो क्या फर्क पड़ता है मानवता को बचाने के लिए यह सबसे बड़ा काम है क्योंकि जिस दौर से हम गुजर रहे हैं अब हम पछता रहे हैं कि हमने स्वास्थ्य पर हॉस्पिटल से बनाने में इतना ध्यान क्यों नहीं दिया हम अपनी सोच को  नहीं बदलेंगे मानवता कैसे बच पाएगी
      ( मानवता को बचाना है )-तो (नो प्रॉफिट नो लॉस पर )--सरकारी हस्पताल के लिए जगह दी जानी चाहिए मैं इस बात को आदरणीय प्रधानमंत्री जी तक और आदरणीय मुख्यमंत्री जी तक पचाने का हर संभव प्रयास करूंगा  और राष्ट्रीय लोक दल की तरफ से साथ देने का हर संभव प्रयास जारी रखूंगा

इंद्रजीत सिंह टीटू 
राष्ट्रीय प्रवक्ता
राष्ट्रीय लोक दल
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