रिपोर्ट :- अजय रावत
गाजियाबाद :-
पेट्रोल व डीजल के आसमान छूते दामों पर हर कोई सरकार को लगातार घेर रहा है। हर कोई प्रश्न कर रहा है कि अगर अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल के दाम कम हैं तो सरकार कीमतों को घटाने की बजाय उसमें इजाफा क्यों कर रही है। इस फेहरिस्त में वरिष्ठ समाजसेवी व्यापारी प्रेमचंद गुप्ता भी शामिल हो गए है। उनका कहना है कि ऐसा पहली बार देखा गया है कि पेट्रोल से ज्यादा डीजल के रेट बढ़ गए। इसके लिए सरकार गंभीरता से सोचें। क्योंकि पेट्रोल व डीजल के दाम से आम आदमी पर सीधा असर पड़ता है। अगर डीजल की कीमतें बढ़ेंगी। तो स्वाभाविक तौर पर महंगाई बढेगी। देश इस वक्त वैसे ही कोरोना की मार झेल रहा है। बेरोजगारी अपने चरम पर है। क्यों सरकार अब भी जनता के बारे में नहीं सोच रही। उसे गंभीरता से इस मुद्दे को सोचना चाहिए। ताकि किसी अन्य तरीके से इन दामों को बताया जा सके।