रिपोर्ट :- अजय रावत


गाजियाबाद :-
          कलेक्ट्रेट में स्थित एसबीआई बैंक की गलत तरीके से बिजली काटने को लेकर मंगलवार सुबह विवाद हो गया। विद्युत विभाग के कर्मचारियों की तानाशाही को लेकर बैंक प्रबंधक ने भी कड़ा फैसला किया है। बल्कि कोर्ट में मानहानि का मुकदमा करने की धमकी दी है। दरअसल, मंगलवार सुबह कर्मचारी जो बैंक में पहुंचे तो  बिजली नहीं आ रही थी। जनरेटर चलाया गया तो जनरेटर ने लोड नही उठाया थोड़ी देर में पता चला कि बिजली विभाग के कर्मचारी बैंक की बिजली काट गए। विद्युत विभाग के उच्च अधिकारियों से बातचीत करने पर पता चला कि बैंक पर छह लाख का बिल बकाया है। जो बैंक मैनेजर ने बैंक के बिजली का बिल दिखाया तो पूरा मामला समझ में आया। बैंक मैनेजर चरण सिंह गौतम ने बताया कि दस साल पहले कलेक्ट्रेट में स्थित जन सुविधा केंद्र वाली बिल्डिंग में एटीएम लगाया गया था। हालांकि, दस माह पहले बैंक ने इस संबंध में एटीएम को बंद करने को पत्र लिखा था। बल्कि इसके संबंध में पूछा था कि यह किसके कहने व किसके नाम से कब लगाया गया था। उसकी जानकारी दी जाएगी। विद्युत विभाग के अधिकारियों का कहना है कि एटीएम के बिजली का बिल ही छह लाख बकाया है। दूसरी तरफ जिलास्तरीय अधिकारियों से भी बातचीत हुई तो बताया गया कि कलेक्ट्रेट स्थित एसबीआई बैंक का एटीएम से कोई लेना देना नहीं है। फिलहाल, अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद बैंक का विद्युत कनेक्शन जोड़ दिया गया। जबकि बैंक मैनेजर चरण सिंह गौतम का कहना है कि बिजली कर्मचारियों के अभद्र व्यवहार व ग्राहकों को जो परेशानी हुई है उसे लेकर वह कोर्ट जाएंगे। इतना ही नहीं विद्युत विभाग पर मानहानि का मुकदमा दर्ज कराएंगे।

राजनगर में बिजली विभाग के एसडीओ उमाकांत शर्मा का कहना है कि किसी फाल्ट की वजह से बिजली नहीं आ रही थी, उसे ठीक कर दिया गया था। उनका कहना है कि बिजली बिल को लेकर कोई बात होती तो पहले नोटिस दिया जाता। उमाकांत शर्मा ने बताया कि भारतीय स्टेट बैंक के कनेक्शन काटने को लेकर किसी भी तरह का कोई विवाद नहीं है।
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