एक पत्रकार व एक बैंक अधिकारी के खिलाफ दर्ज करवाई प्राथमिकी, एक अज्ञात को भी ढूंढेगी सिहानी पुलिस


# कमलेश पांडेय #


गाजियाबाद :-
         नगर आयुक्त डॉ दिनेश चंद्र ने योगी सरकार की मंशा के अनुरूप गाजियाबाद नगर निगम से माफिया राज समाप्त कर डाला है। लेकिन सरकार की मंशा के अनुरूप कार्य करने में उन्हें व्यक्तिगत तौर पर कभी कभी भारी कीमत चुकाने के लिए भी तैयार रहना पड़ता है। क्योंकि नगर निगमों के बहुप्रचलित गोरखधंधे से जुड़े जिस माफिया का एजेंडा प्रभावित होता है, वैसे हर ऐरे, गैरे, नत्थू द्वारा उन्हें गम्भीर परिणाम भुगतने की धमकी दी जा रही है। कभी खुलेआम तो कभी विभिन्न सम्पर्कों के माध्यम से। लेकिन, कार्य निष्ठा के प्रति सजग और स्वभाव से निर्भीक और ईमानदार आईएएस अधिकारी डॉ दिनेश चंद्र ने नगर निगम में जो पारदर्शी और विकासोन्मुखी प्रशासन देने का संकल्प निगम बोर्ड व कार्यकारिणी की बैठक में समय समय पर व्यक्त किया है, उस पर आज भी वह अडिग हैं और अपनी नेकनीयती की कोई भी कीमत चुकाने को तैयार भी।

बता दें कि इस सप्ताह नगर आयुक्त डॉ दिनेश चन्द्र, आईएएस पर विज्ञापन ठेका देने का दबाव बना रहे एक कथित पत्रकार वी के सिंह और बैंक अधिकारी कमल नागू पर सिहानी गेट थाना में मुकदमा दर्ज किया गया है। यह मुकदमा नगर निगम के विज्ञापन प्रभारी अधिकारी ने शुक्रवार को दर्ज कराया है। इस संबंध में थानाध्यक्ष सिहानी गेट को लिखे एक पत्र में कहा गया है कि विज्ञापन कार्य की अनुमति न दिए जाने पर नगर निगम के अधिकारियों की छवि धूमिल करने की न केवल धमकी दी गई, बल्कि उसकी एक बानगी भी प्रस्तुत कर दी गई है, जो पत्रकारिता के मान्य नियमों के प्रतिकूल है।

दरअसल, इस पूरे मामले में मेसर्स एसीई सिलेक्ट पॉसिबिलिटीज इंफिनिटी, विक्रोली, वेस्ट मुंबई, महाराष्ट्र 400079 के बिना अधिकृत अधिकारी के हस्ताक्षर के आईसीआईसीआई सीएसआर फंड योजना अंतर्गत विज्ञापन प्रचार प्रसार करने हेतु नगर निगम सीमा में विभिन्न स्थानों पर लगभग 580 नग पोल लगाए जाने हेतु पत्र प्रस्तुत किए गए। जिन पर सम्यक विचार करते हुए इनके द्वारा प्रस्तुत प्रस्ताव लाइसेंस शुल्क व प्रीमियम धनराशि के बिना होने के साथ ही नगर निगम के विज्ञापन नियमों एवं आर्थिक हितों के विरुद्ध होने के कारण विचार योग्य न होने पर निरस्त कर दिया। जिसकी सूचना मैसर्स एसीई सिलेक्ट पॉसिबिलिटीज इंफिनिटी को दे दी गई।

बताया गया है कि उसके बाद पत्रकार वीके सिंह द्वारा उक्त फर्म के प्रतिनिधि कमल नागु को आईसीआईसीआई सीएसआर फंड योजना अंतर्गत सह विज्ञापन प्रचार प्रसार करने हेतु नगर निगम सीमा में विभिन्न स्थानों पर लगभग 580 नग पोल लगाए जाने की अनुमति दिए जाने के संबंध में पैरवी करते हुए नगर निगम द्वारा एलएमसी की भूमियों से कब्जा हटाने की कार्यवाही न करने तथा बिल्डरों को लाभ पहुंचाने के आरोप लगाया जा रहा है, जबकि नगर निगम द्वारा अवैध कब्जों को हटाने के संबंध में निरंतर कार्यवाही की जा रही है। इससे स्पष्ट है कि पत्रकार वीके सिंह द्वारा मैसर्स सिलेक्ट पॉसिबिलिटीज इंफिनिटी के प्रतिनिधि कमल नागू को आईसीआईसीआई योजना अंतर्गत सह विज्ञापन प्रचार प्रसार करने हेतु नगर निगम सीमा में विभिन्न स्थानों पर लगभग 580 नग पोल लगाए जाने की अनुमति दिए जाने के संबंध में अनुचित दबाव बनाने की मंशा से समाचार पत्र में भ्रामक समाचार प्रकाशित किया गया है।

इस संबंध में गत 1 जुलाई को पत्रकार वीके सिंह मैसर्स एसीई सिलेक्ट पॉसिबिलिटीज इन्फिनिटी के प्रतिनिधि कमल नागू एवं अन्य व्यक्तियों के साथ उक्त प्रस्ताव की अनुमति दिए जाने के संबंध में नगर आयुक्त के कार्यालय में उपस्थित हुए। जिस पर नगर आयुक्त द्वारा विभागीय आख्यानुसार उक्त प्रस्ताव बिना लाइसेंस शुल्क, प्रीमियम धनराशि के होने तथा विज्ञापन नियमों के विरुद्ध होने एवं विज्ञापन प्रचार-प्रसार की अनुमति बिना निविदा प्रक्रिया के न  दिए जाने के कारण उक्त प्रस्ताव को विधि विरुद्ध मानते हुए निरस्त कर दिए जाने के कारण पत्रकार वीके सिंह द्वारा दी धमकी दी गई कि यदि नगर आयुक्त द्वारा उक्त के संबंध में अनुमति नहीं दी जाती है तो नगर आयुक्त को इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे। 

बताया जाता है कि इस घटना के समय नगर निगम के प्रभारी विज्ञापन सहित अन्य विभागीय अधिकारी व कुछ पत्रकार एवं कई पार्षद गण यथा मनोज चौधरी भी कार्यालय कक्ष में उपस्थित थे, जिनसे इस संबंध में पुष्टि की जा सकती है। वहीं, पार्षद मनोज चौधरी ने आईसीआईसीआई सीएसआर फंड योजना अंतर्गत मात्र आवेदन पत्र पर बिना निविदा प्रक्रिया अपनाए किसी भी फर्म या संस्था को सह विज्ञापन प्रचार प्रसार की अनुमति दिए जाने का विरोध करते हुए लिखित पत्र प्रस्तुत किया गया है, जो निगम पत्रावली में संलग्न है। लिहाजा, उक्त हेतु अनुमति दिया जाना नगर निगम के विज्ञापन नियमों एवं आर्थिक हितों के प्रतिकूल है। 
बताया गया है कि इसके पश्चात पत्रकार वीके सिंह द्वारा समाचार पत्र में स्वयं प्रकाशित किए जाने के समाचार की प्रति नगर निगम कार्यालय में भेजी है जिसमें उन्होंने बिना पुष्टि किए रिश्वतखोरी, नगर निगम अधिकारियों द्वारा घुंघरू पहन के नाचने आदि शब्दों का प्रयोग किया है। स्वाभाविक है कि पत्रकार वीके सिंह का यह आचरण पत्रकारिता के मापदंडों के सर्वथा विपरीत है। इससे यह भी स्पष्ट है कि पत्रकार वी के सिंह द्वारा नगर आयुक्त कार्यालय कक्ष में उपस्थित होकर दिए धमकी के क्रम में जबरन अनुमति प्रदान किए जाने के संबंध में दबाव बनाने की मंशा से नगर निगम एवं उत्तर प्रदेश शासन की छवि को धूमिल करने का प्रयास किया जा रहा है। वहीं, प्रस्तुत प्रकरण में आईसीआईसीआई बैंक के सीएसआर अनुभाग के प्राधिकारी की संलिप्तता भी परिलक्षित होती है, क्योंकि कमल नागू द्वारा कथित तौर पर अपने आप को आईसीआईसीआई बैंक के सीएसआर अनुभाग का प्राधिकारी बताया गया है, अतः उसके मूल प्राधिकारी नाम अज्ञात के विरुद्ध सुसंगत धाराओं में प्राथमिकी दर्ज किया जाए। यही वजह है कि थानाध्यक्ष ने मामले की गम्भीरता के मद्देनजर तुंरत प्राथमिकी दर्ज कर ली है।

बता दें कि नगर आयुक्त डॉ दिनेश चंद्र के इस सख्त निर्णय के बाद गाजियाबाद के सियासी व कारोबारी जगत में एक नई सनसनी पैदा हो गई है। मीडिया हल्के में भी चर्चा है कि केंद्र का वह कौन नेता है, जो यूपी में दखल के लिए अब पत्रकारों व कारोबारियों का भी उपयोग करने लगा है। खबर है कि पुलिस भी सम्पूर्ण नजरिये से इस मामले की जांच करेगी और नगर निगम के माफियाराज के हर तार को बेनकाब करेगी, क्योंकि एसएसपी कलानिधि की बेवाक कार्यशैली किसी से छिपी हुई नहीं है। बता दें कि नगर निगम क्षेत्र में होर्डिंग माफियाओं और फुट ओवर ब्रिज माफियाओं के राज को भी समाप्त करने का श्रेय नगर आयुक्त दिनेश चंद्र को ही जाता है। उनकी बेवाक भूमिका से अंडरवर्ल्ड भी परेशान है, क्योंकि उसके कोई भी आर्थिक दांव नगर निगम में फिलवक्त नहीं चल पा रहे हैं।
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